तमिलनाडु में भी SIR को लेकर सियासत तेज, स्टालिन के मंंत्री बोले- यह बिहार नहीं, हमारे पास ‘थालापति’ है

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तमिलनाडु में अगले साल होने में विधानसभा चुनाव से पहले SIR को लेकर राजनीति तेज हो गई है। राज्य के स्टालिन सरकार में दुरई मुरुगन ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि तमिलनाडु की तुलना बिहार से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, “तमिलनाडु बिहार नहीं है। यहां के लोग जागरूक हैं। बिहार जैसी स्थिति यहां की शासन व्यवस्था में नहीं है। हमारे पास ‘थालापति’ (मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन) का नेतृत्व है और इस तरह की चालें तमिलनाडु में या हमारे नेता पर काम नहीं करेंगी।”

डीएमके नेता दुरई मुरुगन के इस बयान पर बीजेपी के सांसद अनुराग ठाकुर ने पलटवार किया। उन्होंने पटना में मीडिया से बातचीत में कहा कि जो व्यक्ति (सीएम एमके स्टालिन) राम को नहीं मानता, रामसेतु को नहीं मानता, राम मंदिर बनने पर उसका विरोध करते हैं। मंंदिरों से जुड़ने के लिए मना किया जाता है, जिस तरह से उनके बेटे ने सनातन धर्म को लेकर अपमान किया था, ऐसे लोगों को कांग्रेस और राजद के मंच पर क्यों स्थान दिया गया।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पिछले महीने बिहार में इंडिया गठबंंधन की वोटर अधिकार यात्रा में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने SIR का विरोध करते हुए कहा था कि अगर बिहार विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हुए तो ‘इंडिया’ गठबंधन इनमें जीत दर्ज करेगा। उन्होंने मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने को “आतंकवाद से भी बदतर” बताया था। स्टालिन ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा था, “पिछले एक महीने से पूरा देश बिहार पर उत्सुकता से नजर रखे हुए है… निर्वाचन आयोग रिमोट कंट्रोल वाली कठपुतली बन गया है।”

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