अमेरिका ने द रेजिस्टेंस फ्रंट को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। इसे भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, भारत ने ना सिर्फ पूरी दुनिया में पाकिस्तान को एक्सपोज किया था बल्कि यह भी साबित किया था कि आतंकियों के तार सीधे-सीधे पड़ोसी मुल्क से जुड़े हुए हैं। इस बीच अमेरिका का भी टीआरएफ को आतंकवादी घोषित करना मायने रखता है।
अमेरिका ने साफ शब्दों में कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा द्वारा 2008 में किए गए मुंबई हमले के बाद पहलगाम भारत में नागरिकों पर सबसे घातक आतंकवादी हमला है। इसी वजह से अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को Foreign Terrorist Organisation (FTO) और Specially Designated Global Terrorist (SDGT) के रूप में दर्ज किया है।
अब एक सवाल उठता है- आखिर अमेरिकी किसी को कैसे आतंकवादी संगठन घोषित करता है? आखिर वो क्या प्रक्रिया रहती है जिसके जरिए कोई संगठन आतंकवादी संगठन घोषित किया जाता है? सवाल यह भी उठता है कि क्या किसी संगठन का आतंकवादी संगठन घोषित होना और किसी विशेष शख्स का टेररिस्ट घोषित होना अलग बात है? इन्हीं सवालों के जवाब आसान भाषा में जानने की कोशिश करते हैं-
अब अमेरिका चार स्टेप्स को फॉलो कर किसी भी ग्रुप को आतंकवादी संगठन घोषित करता है, इसे अंग्रेजी में Foreign Terrorist Organization (FTO) कहा जाता है।
पहला स्टेप- सबसे पहले The U.S. Department of State’s Bureau of Counterterrorism पूरी दुनिया में कई संदिग्ध ग्रुप्स की गतिविधियों पर अपनी पैनी नजर रखता है, देखता है कि आखिर उस ग्रुप ने कहां-कहां हमले किए हैं, उसकी क्या प्लानिंग चल रही है, आखिर उसकी ताकत कितनी ज्यादा बढ़ चुकी है।
सेकेंड स्टेप- अब यहां भी एक पूरा क्राइटेरिया होता है, अगर किसी ग्रुप पर लंबे समय से नजर है भी, अगर उसे ग्लोबल आतंकवादी संगठन घोषित करना है, इसके लिए कुछ चीजों का पूरा होना जरूरी है। सबसे पहले तो वो विदेशी पृष्ठभूमि का होना चाहिए, इसके बाद अमेरिकी कानून के मुताबिक वो किसी आतंकी गतिविधि में शामिल होना चाहिए, इसके ऊपर उसकी गतविधि अमेरिकी सुरक्षा के लिए खतरा बननी चाहिए।
थर्ड स्टेप- अब किसी भी ग्रुप को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए अमेरिका के राज्य सचिव कई दूसरे संबंधित अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हैं, वहां पर तमाम आंकड़े डीकोड किए जाते हैं, किसी भी संगठन की पूरी हिस्ट्री निकाली जाती है और फिर सभी से बात कर किसी भी ग्रुप को FTO घोषित किया जाता है।
फोर्थ स्टेप- अब अगर किसी संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया जाता है, उस स्थिति में उस पर कई सारे प्रतिबंध लग जाते हैं, उन्हें आर्थिक मदद मिलना काफी मुश्किल हो जाता है।
अब टीआरएफ का अंतरराष्ट्री आतंकी संगठन घोषित होना भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। असल में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्वाड मीटिंग के दौरान भी टीआरएफ का मुद्दा उठाया था। ऐसे में उन मुलाकातों का असर अब दिख रहा है, अमेरिका ने सामने से टीआरएफ को एक आतंकी संगठन माना है। इसे पाकिस्तान के लिए भी एक करारी हार के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि टीआरएफ की गतिविधियां भी सीधे तौर पर वहां से जुड़ी हुई हैं। इस आतंकी संगठन को लश्कर का ही प्रॉक्सी माना जाता है जो खुद एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन है।
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