MIG-21 Retirement: भारतीय वायुसेना में शामिल मिग-21 विमान के रिटायरमेंट का समय नजदीक आ गया है। 62 साल से वायुसेना को अपनी सेवाएं दे रहे मिग 21 को चंडीगढ़ एयरबेस एक खास समारोह में विदाई दी जाएगी। मिग 21 मूल रूप से रूस तत्कालीन सोवियंत संघ द्वारा बनाया गया विमान है, जिसे साल 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया था। देश के दुश्मनों के खिलाफ निर्णायक कार्यवाइयों में मिग-21 की अहम भूमिका थी।
साल 2019 में जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ बालाकोट एयरस्ट्राइक की थी,तो उसके बाद इसी मिग-21 विमान को विंग कमांडर अभिननंद वर्धमान उड़ा रहे थे। विंग कमांडर ने इसी मिग विमान से पाकिस्तान के अमेरिका निर्मित F-16 जैसे विमान को नेस्तानाबूद कर दिया था। अभिनंदन गलती से पाकिस्तान में जरूर चले गए थे लेकिन 48 घंटे में ही भारत की कूटनीति की बदौलत उनकी वतन वापसी हुई थी।
आज की बड़ी खबरें
बता दें कि मिग-21 एक हल्का सिंगल पायलट फाइटर जेट है। भारतीय वायुसेना ने पहली बार 60 के दशक में मिग 21 विमानों को शामिल किया था। सोवियत रूस के मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने मिग 21 1969 में बनाया था। यह लड़ाकू विमान करीब 18 हजार मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है और एयर टू एयर मिसाइलों और बमों को ले जाने में भी सक्षम माना जाता है।
‘वो लंबे – जंबे जाट हैं, हट्टे – कट्टे’, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर रेणुका चौधरी बोलीं- BJP में अजीब वायरस घूम रहा
भारतीय वायुसेना ने 1965 और 1971 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान इन विमानों का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा भारतीय वायुसेना के लिए यह मिग-21 विमान रीढ़ की हड्डी माने जाते थे, लेकिन इनकी खामियों की वजह से भारतीय वायुसेना को काफी नुकसान भी हुआ था, जिन पर बात करना बेहद जरूरी है।
मिग 21 विमान रूस ने बनाए थे लेकिन इनके साथ दिक्कत ये थी कि ये कई खामियों की वजह से क्रैश हो जाते ह। इसीलिए 1985 में रूस ने अपनी वायुसेना से इन विमानों को रिटायर कर दिया था। इतना ही नहीं, रूस से ये विमान बांग्लादेश ने भी खरीदे थे और उन्होंने ने भी अपने यहां मिग 21 को रिटायर कर दिया था। मिग 21 विमान को विडो मेकर, फ्लाइंग कॉफिन, यानी उड़ता हुआ ताबूत भी कहा जाता था।
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर पीएम नरेंद्र मोदी का पहला रिएक्शन
ना विपक्ष को बख्शा, सरकार को भी आईना… सबसे मुखर उपराष्ट्रपति बनने में सफल रहे धनखड़