अमृतसर में संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर की मूर्ति को तोड़े जाने के विरोध में लोगों ने मंगलवार को लुधियाना में जालंधर बाईपास को जाम कर दिया। जालंधर-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। इस बीच, एक्स (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि यह वीडियो लुधियाना में हुए विरोध प्रदर्शन का है।
जांच के दौरान, लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो पुराना है और छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) का है।
एक्स यूजर तरुण जाटव ने भ्रामक दावे के साथ वीडियो शेयर किया।
किसी जातिवादी युवक ने बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति को तोड़ दिया था उसके विरोध में पूरा लुधियाना (पंजाब) बन्द है। ये लोग क्यों भूल जाते हैं कि हम मानते बुद्ध को है तो मानते सम्राट अशोक को भी है। जय भीम pic.twitter.com/sgFdmp5AVu
आर्काइव वर्जन।
अन्य यूजर भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।
हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।
हमें शिवाय धुले के यूट्यूब चैनल पर छह साल पहले अपलोड किया गया एक ऐसा ही वीडियो मिला।
कैप्शन में लिखा था: औरंगाबाद महामोर्चा (औरंगाबाद महामोर्चा) जय भीम
हमें वीडियो में दिख रही छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ज़रिए वीडियो में दिख रही सटीक लोकेशन मिली।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि इसके दोनों तरफ फ्लाईओवर थे।
निष्कर्ष: छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में हुई एक रैली का छह साल पुराना वीडियो अब लुधियाना, पंजाब में हुए विरोध प्रदर्शन का बताकर शेयर किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।