PM Narendra Modi On Dhankar Resignation: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर पीएम मोदी का पहला रिएक्शन आ गया है। उन्होंने कहा है कि वे उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। असल में सोमवार रात को जगदीप धनखड़ ने अचानक से उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, उन्होंने खुद एक चिट्ठी में स्वास्थ्य का हवाला दिया था। उस एक फैसले के बाद से ही सियासत गरमा गई थी और तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं।
अब इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा है कि श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। वैसे पीएम मोदी ने जरूर सामने से आकर रिएक्शन दिया है, लेकिन बीजेपी के बड़े और दिग्गज नेताओं ने इस पर अभी तक खुलकर कोई टिप्पणी नहीं की है। इसके ऊपर विपक्षी खेमे में तो इस समय बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को निशाने पर लिया जा रहा है।
Shri Jagdeep Dhankhar Ji has got many opportunities to serve our country in various capacities, including as the Vice President of India. Wishing him good health.श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम…
जब से जगदीप धनखड़ का इस्तीफा हुआ है, एक वर्ग जेपी नड्डा पर भी सवाल खड़े कर रहा है। असल में सोमवार को जब मानसून सत्र शुरू हुआ था, तब कार्यवाही के दौरान नड्डा ने कह दिया था सिर्फ मेरी बात ऑन रिकॉर्ड जाएगी, बाकी किसी का कुछ नहीं जाएगा। विपक्ष का आरोप रहा कि नड्डा का ऐसा बयान चेयर का सबसे बड़ा अपमान है। दावा यहां तक किया गया कि इसी वजह से जगदीप धनखड़ नाराज हुए।
वैसे अब जब जगदीप धनखड़ इस्तीफा दे चुके हैं, सभी के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा पांच सवालों की हो रही है।
जगदीप धनखड़ ने जो एक चिट्ठी जारी की है, उसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को ही अपने इस्तीफे का कारण बताया है। उन्होंने अपनी तरफ से किसी भी तरह के सियासी प्रेशर का जिक्र नहीं किया है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में अभी से चर्चा है कि किसी और वजह से अचानक से इस्तीफा हुआ है।
अभी तक किसी का भी नाम सामने नहीं आया है, लेकिन बीजेपी के अंदरखाने ऐसी बात चल रही है कि किसी अनुभवी नेता को ही इतना जरूरी पद मिलना चाहिए। चर्चा हरिवंश नारायण सिंह की भी हो रही है, इस समय वे उपसभापति की भूमिका निभा रहे हैं।
जैसे हर चीज का बैकअप होता है, राज्यसभा भी ऐसी अप्रत्याशित घटनाओं के लिए तैयार रहता है। अगर कभी उपराष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा दे दें तो उस स्थिति में संसद की कार्यवाही उपसभापति के पास चली जाती है। जब तक नए उपराष्ट्रपति नहीं चुन लिए जाते, उपसभापति ही उस पद को संभालते हैं।
इसका सीधा जवाब है नहीं। हमारा संविधान कोई भी ऐसा पद नहीं देता है, ऐसे में अगर उपराष्ट्रपति इस्तीफा देंगे तो जल्द से जल्द फिर चुनाव ही करवाना होगा।
संविधान के आर्टिकल 68 के मुताबिक, उपराष्ट्रपति के पद पर उनकी मृत्यु, इस्तीफा या पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव, पद खाली होने के बाद जल्द से जल्द कराया जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल