हाथों में बेड़ियां, पैर तक जंजीरों में बंधकर बच्चे के साथ भारत आई पीड़िता की कहानी, 1 करोड़ गंवा कर ‘डंकी रूट’ से पहुंची थी US

Indians Deport from US: अमेरिका ने अवैध रूप से अपी सीमा में घुसे भारतीयों को भी डिपोर्ट करना शुरू कर दिया है। 5 फरवरी को अमेरिकी एयरफोर्स का एक विमान भारत के अमृतसर में भी उतरा, जिसमें अवैध रूप से अमेरिका में घुसे 104 भारतीयों को जंजीरों में बांधकर भारत लाए गए। इनमें पंजाब के कपूरथला की रहने वाली लवप्रीत नाम की महिला भी थीं, जो कि 1 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च करके अमेरिका पहुंची थीं और उन्हें मेक्सिको बॉर्डर पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कपूरथला जिले के भोलाथ इलाके में रहने वाली 30 साल की लवप्रीत ने बताया कि उन्होंने अपने 10 साल के बच्चे के बेहतर फ्यूचर के लिए अमेरिका जाने का निर्णय लिया था। उन्होंने इसके लिए एजेंट को 1 करोड़ रुपये भी दिए थे और एजेंट ने उनसे डायरेक्ट अमेरिका ले जाने का वादा किया था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

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लवप्रीत ने 2 जनवरी को अपने दस साल के बेटे के साथ अमेरिका जाने के लिए निकली थी। एक महीने से भी ज़्यादा समय बाद जब वो ‘डंकी रूट’ के जरिए मेक्सिको बॉर्डर होते हुए 27 जनवरी को अमेरिका पहुंचीं थीं, तो उन्हें अमेरिकी सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर लिया था। लवप्रीत ने कहा कि एजेंट ने हमारे परिवार से कहा कि वे हमें सीधे अमेरिका ले जाएंगे। लेकिन हमें जो सहना पड़ा, वह हमारी उम्मीद से कहीं ज़्यादा था।

लवप्रीत ने कहा कि उन्हें कोलंबिया के मेडेलिन ले जाया गया और वहां करीब दो सप्ताह तक रखा गया, उसके बाद उन्हें विमान से सैन साल्वाडोर ले जाया गया। वहां से हम तीन घंटे से अधिक समय तक पैदल चलकर ग्वाटेमाला पहुंचे, फिर टैक्सियों से मैक्सिकन सीमा तक पहुंचे। दो दिन मैक्सिको में रहने के बाद, वे आखिरकार 27 जनवरी को अमेरिका पहुंचे थे।

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लवप्रीत और अमेरिका पहुंचे अन्य भारतीयों की मुश्किलें तब बढ़ गईं, जब अमेरिकी अधिकारियों ने सीमा पार करने के बाद लवप्रीत और अन्य को हिरासत में ले लिया। उन्होंने बताया कि जब हम अमेरिका पहुंचे, तो उन्होंने हमसे हमारे सिम कार्ड और यहां तक ​​कि झुमके और चूड़ियां जैसे छोटे गहने भी हटाने को कहा था।

पीड़िता ने कहा कि वे पहले ही इतने लंबे सफर में अपना सामान खो चुकी थीं। उन्होंने कहा कि हमें पांच दिनों तक एक शिविर में रखा गया और 2 फरवरी को हमें कमर से लेकर पैरों तक जंजीरों से बांध दिया गया और हमारे हाथों में हथकड़ी लगा दी गई। केवल बच्चों पर ही थोड़ी नरमी बरती गई।

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लवप्रीत ने बताया कि सैन्य विमान में 40 घंटे की यात्रा के दौरान संचार की कमी से वे सभी परेशान थे। उन्होंने कि किसी ने हमें नहीं बताया कि हमें कहां ले जाया जा रहा है, और जब हम आखिरकार भारत पहुंचे, तो हमें झटका लगा। हमें अमृतसर हवाई अड्डे पर बताया गया कि हम भारत पहुंच गए हैं लेकिन ऐसा लगा जैसे हमारे सपने एक पल में ही टूट गए हों।

लवप्रीत ने कहा कि मुझे अपने बेटे के भविष्य और अमेरिका में एक नए जीवन की उम्मीद थी। मेरे परिवार ने एजेंट को भुगतान करने के लिए एक बड़ा ऋण लिया, उम्मीद है कि हमारा भविष्य बेहतर होगा। अब सब कुछ नष्ट हो गया है। हमें बताया गया था कि हम जल्द ही कैलिफ़ोर्निया में अपने रिश्तेदारों के पास होंगे, लेकिन अब मेरे पास दर्द के अलावा कुछ नहीं बचा है।

उन्होंने कहा कि लवप्रीत और उनके परिवार के पास भारत में 1.5 एकड़ ज़मीन है, जहां वह अपने पति और बुज़ुर्ग सास-ससुर के साथ रहती हैं। उनकी मांग है कि सरकार बेईमान एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करे, जिन्होंने उन्हें और उनके जैसे अन्य लोगों क ठगा है। अमेरिका से संबंधित अन्य सभी खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।

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