US Deports Indian Immigrants: लाखों रुपये कर्ज लेकर गए थे अमेरिका, मुसीबत में डाली जान, बिखर गए सपने… आगे क्या होगा पता नहीं?

US Military Aircraft Deported Indians: पंजाब से हर साल हजारों लोग विदेश में बसने का सपना लेकर निकलते हैं। इसके लिए वे लाखों रुपये का कर्ज लेते हैं, डंकी रूट यानी अवैध तरीके से अमेरिका या दूसरे मुल्कों में पहुंचते हैं। इसके लिए वे अपनी जान को भी मुसीबत में डालने से नहीं चूकते। लेकिन अब जब अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने वहां अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों को उनके मुल्क भेजना शुरू किया तो इसमें भारत के भी वे लोग जद में आ गए, जो वहां गैरकानूनी ढंग से रह रहे थे।

ऐसे अप्रवासियों की दुख भरी कहानियां अब लोगों के सामने आ रही हैं।

बुधवार को अमृतसर पहुंचे ऐसे ही अप्रवासियों के रिश्तेदारों ने अपना दर्द मीडिया को बताया। अमेरिका द्वारा वापस भेजे गए यानी निर्वासित किए गए लोगों में पंजाब के 30, हरियाणा और गुजरात के 33-33 लोग शामिल हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के दो-दो और महाराष्ट्र के तीन लोग हैं।30 से 50 लाख रुपए किये खर्च

वापस भेजे गए इन लोगों के रिश्तेदारों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अमेरिका भेजने के लिए 30 से 50 लाख रुपए खर्च किए और इनमें से कई लोग गैर कानूनी तरीकों से या डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे। ऐसे ही एक शख्स अजयदीप सिंह के दादा ने कहा, ‘मेरा पोता 15 दिन पहले ही अमेरिका गया था। मैं उसे अमेरिका भेजने के लिए तैयार नहीं था। मुझे नहीं पता कि उसके साथ क्या गलत हुआ है और उसे भेजने में कितना पैसा खर्च हुआ।’

एक शख्स ने बताया कि उनका एक रिश्तेदार एक महीने पहले ही अमेरिका पहुंचा था। उन्होंने बताया, ‘वह यहां बस ड्राइवर था। उसके दो बच्चे हैं। उसने अमेरिका पहुंचने के लिए 30 लाख रुपये खर्च किए हैं। उसे भी वापस भेज दिया गया है।’

शी जिनपिंग ने पाकिस्तान को बताया स्थायी मित्र, जरदारी बोले- आतंकवादी हमलों से चीन के साथ दोस्ती खत्म नहीं होगी

बुधवार रात को पंजाब पहुंचने के बाद जसपाल ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने उनके साथ धोखाधड़ी की है क्योंकि उनसे वादा किया गया था कि उन्हें कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचा दिया जाएगा। जसपाल ने कहा, ‘मैंने एजेंट से कहा था कि वह मुझे सही वीजा (अमेरिका के लिए) के साथ भेजे। लेकिन उसने मुझे धोखा दिया।’ उन्होंने बताया कि सौदा 30 लाख रुपए में हुआ था। जसपाल ने बताया कि वह पिछले साल जुलाई में हवाई जहाज से ब्राजील पहुंचे थे और उससे वादा किया गया था कि अमेरिका की अगली यात्रा भी हवाई जहाज से ही होगी। लेकिन एजेंट ने उसे धोखा दिया और उसे अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए मजबूर किया।

ब्राजील में छह महीने रहने के बाद वह सीमा पार कर अमेरिका चला गया लेकिन अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जसपाल ने बताया कि उसे वहां 11 दिनों तक हिरासत में रखा गया और फिर वापस घर भेज दिया गया। जसपाल ने कहा कि उसे नहीं पता था कि भारत भेजा जा रहा है। हमें हथकड़ी लगाई गई और पैरों में बेड़ियां डाल दी गईं और इन्हें अमृतसर हवाई अड्डे पर खोला गया।

जसपाल ने कहा कि वापस भेजने से वह बुरी तरह टूट गए हैं। वह बताते हैं कि बहुत पैसा खर्च किया, पैसे उधार लिए थे। बुधवार रात को होशियारपुर पहुंचे दो अन्य निर्वासित लोगों ने भी अमेरिका पहुंचने के दौरान उन्हें आई मुसीबतों के बारे में बताया।

होशियारपुर के टाहली गांव के रहने वाले हरविंदर सिंह ने बताया कि वह पिछले साल अगस्त में अमेरिका के लिए रवाना हुए थे। उन्हें कतर, ब्राजील, पेरू, कोलंबिया, पनामा, निकारागुआ और फिर मैक्सिको ले जाया गया। उन्होंने बताया कि मैक्सिको से उन्हें अन्य लोगों के साथ अमेरिका ले जाया गया। उन्होंने मीडिया को बताया, ‘हमने पहाड़ियां पार कीं। एक नाव, जो उन्हें अन्य व्यक्तियों के साथ ले जा रही थी, समुद्र में डूबने वाली थी लेकिन हम बच गए।’

हरविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने एक व्यक्ति को पनामा के जंगल में मरते हुए तथा एक को समुद्र में डूबते हुए देखा। सिंह ने बताया कि उनके ट्रैवल एजेंट ने वादा किया था कि उन्हें पहले यूरोप और फिर मैक्सिको ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने 42 लाख रुपए खर्च किए। उन्होंने कहा, “कभी-कभी हमें चावल मिल जाता था। कभी-कभी हमें खाने को कुछ नहीं मिलता था। बिस्कुट मिलते थे।”

अमेरिका से वापस भेजे गए पंजाब के ही एक अन्य व्यक्ति ने अमेरिका जाने के लिए इस्तेमाल किए गए ‘डंकी रूट’ के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘रास्ते में हमारे 30,000-35,000 रुपये के कपड़े चोरी हो गए।’ इस व्यक्ति ने बताया कि उसे पहले इटली और फिर लैटिन अमेरिका ले जाया गया। उन्होंने बताया कि नाव से 15 घंटे लंबी यात्रा करनी पड़ी और 40-45 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।

इस शख्स ने बताया, ‘हमने 17-18 पहाड़ियां पार कीं। अगर कोई फिसल जाता तो उसका बचना मुश्किल था। हमने बहुत कुछ देखा है। अगर कोई घायल हो जाता तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। हमने लाशें देखीं।”

‘40 शव देखे, कुछ को आधा खाया हुआ था, कुछ सिर्फ कंकाल थे…’, पढ़िए पंजाब के हरजिंदर की कहानी

इस मामले में पंजाब सरकार के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि राज्य की भगवंत मान सरकार ऐसे लोगों के साथ है और हम बैंकों के सामने इस बात को उठाएंगे कि अमेरिका जाने के लिए लोन लेने वालों का ब्याज माफ कर दिया जाए। मंत्री ने कहा कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने जो कर्ज लिया है उसे चुकाना उनके लिए मुश्किल होगा।

निश्चित रूप से ऐसे सभी लोगों के सपने पूरी तरह टूट गए हैं जो अमेरिका में ज्यादा पैसे कमाकर अपने घर की आर्थिक मुश्किलों को दूर करना चाहते थे। लेकिन अब उन्हें अमेरिका जाने के लिए जो कर्ज लिया है उसे तो चुकाना ही होगा, अपनी जिंदगी को भी नए सिरे से शुरू करना होगा।

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों की केस फाइल तैयार करने में जुटी पंजाब पुलिस, क्लिक कर जानिए क्या है वजह। 

Fact Check: सुधा और नारायण मूर्ति ने निवेश योजना का समर्थन नहीं किया, AI से बनाए गए वायरल वीडियो फर्जी 

लाइटहाउस जर्नलिज्म को लेखिका सुधा मूर्ति और उनके पति, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर मिले। इन वीडियो में दोनों को एक निवेश योजना का समर्थन करते हुए देखा गया था।

जांच के दौरान, हमने पाया कि वीडियो फ़र्जी हैं और उनमें लोगों को अधिक रिटर्न पाने के लिए न्यूनतम 21,000 रुपये निवेश करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया गया है। वीडियो को Artificial intelligence (AI) द्वारा बनाया गया है।

फ़ेसबुक उपयोगकर्ता एविएटर उस्मान ने फ़ेसबुक पर वायरल पोस्ट शेयर की।

इसमें सुधा मूर्ति को दिए गए लिंक पर पंजीकरण करके लोगों को एक योजना में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए सुना गया।

आर्काइव लिंक।

फेसबुक यूजर यान कुमवाम्बा ने भी नारायण मूर्ति का एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया है।

इस वीडियो को इंडिया टुडे के लोगो के साथ शेयर किया गया था और इसमें पत्रकार राजदीप सरदेसाई भी थे।

आर्काइव लिंक।

वीडियो 1:

हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।

कीफ्रेम से बहुत ज़्यादा नतीजे नहीं मिले, इसलिए हमने सिर्फ़ Google कीवर्ड सर्च किया, ‘सफ़ेद साड़ी में सुधा मूर्ति’, जैसा कि वीडियो में दिख रहा है। इससे हमें YouTube पर एक वीडियो मिला, जिसमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते दृश्य थे।

यहाँ वह साड़ियों के बारे में बोल रही थीं, निवेश योजनाओं के बारे में नहीं।

हमें YouTube पर शेयर किए गए दूसरे वीडियो में भी ऐसे ही दृश्य मिले। कीफ़्रेम भी ऐसे ही थे और यहाँ वह बोल रही थीं कि किस वजह से उन्होंने खुद को बदला। यह वीडियो 2021 में अपलोड किया गया था।

YouTube पर भी ऐसे ही वीडियो उपलब्ध थे लेकिन इनमें से किसी भी वीडियो में वह किसी योजना का समर्थन करती नहीं दिखीं।

हमने इस वीडियो को ऑडियो में बदला और फिर इसे Hiya नामक InVid टूल में एम्बेड किए गए AI वॉयस डिटेक्टर के ज़रिए चलाया।

टूल ने पाया कि ऑडियो AI द्वारा जनरेट किया गया था।

वीडियो 2:

हमने वीडियो से प्राप्त ऑडियो को InVid टूल में एम्बेडेड हिया AI वॉयस डिटेक्टर के माध्यम से चलाया। इससे पता चला कि आवाज़ AI द्वारा जेनरेट की गई थी।

कीफ़्रेम पर Google रिवर्स इमेज सर्च से ज़्यादा नतीजे नहीं मिले, इसलिए हमने वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई से संपर्क किया।

लाइटहाउस जर्नलिज्म से बात करते हुए राजदीप सरदेसाई ने स्पष्ट किया कि वीडियो पूरी तरह से फ़र्जी है और उन्होंने निवेश योजनाओं पर नारायण मूर्ति से कोई बातचीत नहीं की। उन्होंने कहा कि उन्होंने टाटा समूह के चेयरपर्सन रतन टाटा के निधन के बाद नारायण मूर्ति का साक्षात्कार लिया था।

निष्कर्ष: सुधा मूर्ति और इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति द्वारा निवेश योजना का समर्थन करने वाले वायरल वीडियो फ़र्जी हैं। ये दोनों वीडियो AI टूल का उपयोग करके बनाए गए हैं।

Delhi Election 2025 Result Date: कब आएंगे दिल्ली चुनाव के नतीजे? कब और कहां देखें लाइव काउंटिंग, यहां पढ़ें पूरी अपडेट

Delhi Election 2025 Result Date And Time: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना 8 फरवरी को सुबह 8 बजे से शुरू होगी, जिसके बाद आधिकारिक नतीजे धीरे-धीरे आने लगेंगे। चुनाव आयोग (ECI) की आधिकारिक वेबसाइट eci.gov.in पर रियल-टाइम अपडेट उपलब्ध होंगे। मतगणना के बाद दोपहर तक अंतिम नतीजे घोषित होने की संभावना है। दिल्ली चुनाव से जुड़ी हर ताजा अपडेट के लिए जनसत्ता.कॉम डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लाइव ब्लॉग भी फॉलो किए जा सकते हैं।

5 फरवरी को हुए मतदान में कुल 60.42% वोटिंग दर्ज की गई, और अब सभी की निगाहें 8 फरवरी को घोषित होने वाले नतीजों पर टिकी हैं। चुनाव को लेकर मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। Google पर “दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम” जैसे कीवर्ड की सर्च में भारी उछाल देखा गया है, जिससे साफ है कि जनता बेसब्री से मतगणना का इंतजार कर रही है। राजनीतिक विश्लेषक और जनता, दोनों ही चुनावी नतीजों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि इससे दिल्ली की सत्ता का भविष्य तय होगा।

यह भी पढ़ें…‘जिंदगी में पहली बार मैंने BJP को वोट दिया’, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना रशीदी ने दिया चौंकाने वाला बयान

एग्जिट पोल के नतीजे भाजपा को बढ़त मिलने का संकेत दे रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने के करीब पहुंच सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी के 30 से अधिक सीटें जीतने की संभावना कम जताई जा रही है, जिससे उसकी सत्ता बचाने की राह कठिन नजर आ रही है। कांग्रेस के लिए स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि पूर्वानुमानों के मुताबिक, उसे तीन से अधिक सीटें मिलना मुश्किल हो सकता है।

इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। AAP लगातार तीसरी बार सत्ता बचाने की कोशिश कर रही है, BJP 27 साल बाद वापसी के प्रयास में है, और कांग्रेस एक दशक बाद फिर से अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 13,766 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे। चुनावी नतीजों से जुड़े हर ताजा अपडेट के लिए eci.gov.in के साथ-साथ लाइव ब्लॉग भी फॉलो किए जा सकते हैं।

‘अमेरिका से डिपोर्टेशन कोई पहली बार नहीं हो रहा…’, विदेश मंत्री ने भारतीयों से बुरे बर्ताव पर कही बड़ी बात

S. Jaishankar On Deportation: विदेश मंत्री एस जयशंकर आज दोपहर 2 बजे संसद में अमेरिका से कथित अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन के मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने डिपोर्टेशन पर संयुक्त राष्ट्र की संधि का जिक्र किया और कहा कि ये लीगल माइग्रेशन को सपोर्ट करने और अवैध माइग्रेशन को हतोत्साहित करने लिए है। जयशंकर ने कहा कि डिपोर्टेशन कोई नई बात नहीं है। विदेश मंत्री ने 2009 से लेकर अब तक के आंकड़े भी बताए और कहा कि हर साल अवैध प्रवासियों को वापस भेजा जाता है। अमेरिकी नियम के हिसाब से कार्रवाई की गई है।

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा को जानकारी दी कि अमेरिका सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई नागरिक विदेश में रह रहा पाया जाता है तो उसे वापस बुलाना सभी देशों का दायित्व है। हम अमेरिकी सरकार से संपर्क कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का बुरा बर्ताव न हो।’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के सवाल पर कहा कि 104 भारतीयों को वापस भेजने के बारे में हमें पूरी जानकारी थी। हमने अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वह एक वापस आने वाले भारतीय से बैठकर बात करे कि वह कैसे अमेरिका पहुंचे। उन्हें किसी एजेंट्स ने धोखा दिया था या फिर कुछ और वजह थी।

अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों को बेड़ियों में जकड़ कर भेजा गया भारत

विपक्षी पार्टियों के कई सारे सांसदों ने अमेरिका में अवैध तरीके से भारतीयों को वापस भेजने के तरीके पर सवाल खड़े किए। बुधवार को एक अमेरिका का सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। निर्वासित लोगों ने दावा किया कि अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ और पैरों में हथकड़ी लगी रही और जब वह अमृतसर के एयरपोर्ट पर पहुंचे उसी के बाद में उन्हें खोला गया। इनमें से हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन तथा चंडीगढ़ से दो लोग शामिल थे।

अवैध रूप से अमेरिका में प्रवास करने वाले एक भारतीय शख्स ने कहा, ‘मुझसे झूठ बोला गया था कि मुझे कानूनी तरीके से भेजा जाएगा, लेकिन मुझे डंकी रूट के रास्ते से भेजा गया। मुझे रास्ते में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अब जब मैं वापस आ गया हूं, तो मैं यहां काम करूंगा। मैंने बड़ी मुश्किल से सीमा पार की। मैं 8 महीने में वहां पहुंचा। मुझे 20 दिनों तक अमेरिकी सीमा पर जेल में रखा गया और फिर मुझे वापस भेज दिया गया। हमारे हाथ-पैर जंजीरों से बांध दिए गए और हमें बताया गया कि हमें वापस भारत भेजा जा रहा है। हमें अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचने में 40 घंटे लगे। बच्चों को छोड़कर सभी को जंजीरों से बांध दिया गया। अब हम यहां खेती करेंगे। स्थानीय विधायक ने कहा है कि सरकार हमारी मदद करेगी। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमारे पैसे वापस दिलाने में हमारी मदद करे। हमसे झूठ बोला गया और डंकी रूट से अवैध तरीके से भेजा गया।’ पढ़िए अमेरिकी जहाज में कितनी मुश्किलें झेली पंजाब के हरविंदर ने पढ़ें पूरी खबर…

Income Tax New Bill: कब आएगा इनकम टैक्स का नया बिल? मोदी कैबिनेट की मुहर का इंतजार

Income Tax New Bill: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वित्तीय बजट पेश किया था, जिसमें इनकम टैक्स में 12 लाख की छूट का ऐलान किया था। बजट पेश करने के दौरान ही उन्होंने कहा था कि जल्द ही इनकम टैक्स के लिए नया बिल लाया जा सकता है। अब मीडिया रिपोर्ट्स ने भी इस बिल के अगले हफ्ते संसद में आने की पुष्टि की है।

अनुमान है कि सोमवार 10 फरवरी को यह बिल लोकसभा में पेश किया जा सकता है। इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट इस बिल को हरी झंडी भी दिखा सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इन विधेयक को कल मंजूरी दिए जाने के बाद, इसे सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। सरकार इसे वित्त विधेयक के तौर पर पेश करने वाली है, जिसके चलते इसे बस लोकसभा में पास होना होगा।

आज की बड़ी खबरें

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नया इनकम टैक्स कानून मौजूदा आयकर अधिनियम 1961 को रिप्लेस करेगा। इसके जरिए टैक्सेशन सिस्टम को अधिक सरल और स्पष्ट बनाया जाएगा। नया आयकर कानून सरल भाषा में होगा जिससे करदाताओं और कर विशेषज्ञों को प्रावधानों के तहत बेहतर मदद मिलेगी।

अब इन लोगों को नहीं मिलेगा फ्री राशन, खाद्य मंत्रालय ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ मिलकर की नई तैयारी

इसके साथ ही नए इनकम टैक्स कानून में डिजिटल प्रक्रियाओं को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे टैक्स फाइलिंग पूरी तरह डिजिटल हो जाएगी। इससे कानूनी विवादों में भी कमी आ सकती है। इसके अलावा कर निर्धारण वर्ष और वित्तीय वर्ष को मिलाकर कर वर्ष बनाने पर भी विचार किया जा सकता है।

केंद्र सरकार का दावा है कि नया कर विधेयक अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। साथ ही नए कानून को संक्षिप्त बनाया गया है, क्योंकि इसमें पुराने प्रावधानों को पूरी तरह से हटा दिया है, जिससे ये आम लोगों के लिए बोझिल नहीं होगा।

फैसला एक, असर सीधे 330 सीटों पर… मिडिल क्लास पर ऐसे ही इतनी मेहरबान नहीं हो रही मोदी सरकार

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने अपडेटेड आईटी रिटर्न (आईटीआर-यू) के बारे में कहा कि पिछले तीन सालों में करीब 90 लाख ऐसे रिटर्न दाखिल किए गए। इससे करीब 8,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नया बिल पूरी तरह से नया है और इसे फिर से लिखा गया है। इस बिल में टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस नए बजट का उद्देश्य मुद्रास्फीति की समस्या पैदा किए बिना विकास को बढ़ावा देना है। इनकम टैक्स से संबंधित अन्य सभी खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।

Airforce Plane Crash: मध्य प्रदेश में एयरफोर्स का विमान क्रैश, पायलट सुरक्षित, दिए गए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश

Mirage 2000 Fighter Aircraft Crashes: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में इंडियन एयरफोर्स का एक विमान क्रैश होने की खबर है। गनीमत की बात यह है कि इस हादसे में इस प्लेन को उड़ा रहे पायलट सुरक्षित हैं, हालांकि दोनों को चोट लगने की बात सामने आ रही है। टीवी चैनल्स पर दिखाए गए विजुल्स में विमान आग की लपटों में देखा जा सकता है।

न्यूज एजेंसी ANI द्वारा डिफेंस सूत्रों के हवाले से दी गई जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के शिवपुरी के पास के पास जो विमान क्रैश हुआ है, वह एक ट्विन-सीटर मिराज 2000 लड़ाकू विमान है। यह प्लेन नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया जा रहा है। अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।

इंडियन एयरफोर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, “भारतीय वायुसेना का मिराज 2000 विमान आज नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान शिवपुरी (ग्वालियर) के पास सिस्टम में खराबी आने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए भारतीय वायुसेना ने जांच के आदेश दे दिए हैं।”

सेंट्रल एयर कमांड के प्रवक्ता ने बताया कि दोपहर करीब 2.40 बजे बरहेटा सानी गांव के पास खेत में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद दो सीटों वाले प्रशिक्षण विमान में आग लग गई। उन्होंने बताया कि विमान में खराबी के कारण यह दुर्घटना हुई। उन्होंने बताया कि घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।

Indian Air Force tweets, “A Mirage 2000 aircraft of the IAF crashed near Shivpuri (Gwalior), during a routine training sortie today, after encountering a system malfunction. Both the pilots ejected safely. An enquiry has been ordered by the IAF to ascertain the cause of the… https://t.co/gg4dfyuOK0

Love Jihad Case: इस राज्य में मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की शादी का मामला गर्माया, विरोध में उतरा बजरंग दल, लव जिहाद का लगाया आरोप

Uttarakhand Love Jihad Case: उत्तराखंड में एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की शादी के प्रस्ताव का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। प्रेमी जोड़े का आरोप है कि उन्हें बजरंग दल और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से धमकियां मिल रही हैं। उत्तराखंड में हाल ही में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुआ है। उत्तराखंड सरकार पहले ही लव जिहाद को लेकर कानून बना चुकी है।

मोहम्मद शानू (22) और आकांक्षा कंडारी (23) ने 7 जनवरी को उधम सिंह नगर जिले के सब डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के ऑफिस में एक नोटिस दिया था और कहा था कि वे शादी करना चाहते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो जाएगा। नोटिस में उन दोनों की व्यक्तिगत जानकारी भी शामिल थी।

क्या है धर्मांतरण विरोधी विधेयक? भजनलाल सरकार ने विधानसभा में किया पेश, 10 साल की सजा तक के हैं प्रावधान

शानू उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर में एक सैलून चलाते हैं। शानू द इंडियन एक्सप्रेस को बताते हैं कि नोटिस देने के बाद उन्हें उनके परिवार ने बताया कि सोशल मीडिया पर लव जिहाद के कैप्शन के साथ उन दोनों की तस्वीर और प्राइवेट जानकारी वाली एक पोस्ट वायरल हो रही है। इससे पहले उत्तराखंड की हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर को आदेश दिया था कि इस प्रेमी जोड़े को पुलिस सुरक्षा दी जाए।

हाई कोर्ट के सामने अपनी याचिका में प्रेमी जोड़े ने कहा था कि वह शादी करना चाहते थे लेकिन आकांक्षा की मां और कुछ हिंदू संगठनों की धमकियों की वजह से ऐसा नहीं कर सके। हाई कोर्ट ने बाजपुर पुलिस से कहा था कि वह प्रेमी जोड़े को 6 हफ्ते की सुरक्षा दें।

इस प्रेमी जोड़े का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें बजरंग दल और कुछ अन्य दक्षिणपंथी संगठनों का विरोध झेलना पड़ रहा है।

‘लव जिहाद-गोहत्या के खिलाफ जारी रहेगा अभियान…’, गुजरात के गृह मंत्री बोले- CM का बुलडोजर चलता रहेगा

शादी के लिए नोटिस दिए जाने के बाद 30 जनवरी को बजरंग दल के कार्यकर्ता आकांक्षा की मां के साथ स्थानीय एसडीएम ऑफिस में गए और उन्होंने इसका खुलकर विरोध किया। कंडारी की मां रीना देवी ने एसडीएम को लिखे पत्र में कहा कि शादी के लिए दिए गए नोटिस की जांच की जाए और तब तक शानू को हिरासत में रखा जाए। आकांक्षा की मां ने कहा कि मोहम्मद शानू ने लव जिहाद के तहत उनकी बेटी को बहकाया है।

मोहम्मद शानू ने बताया कि आकांक्षा ने एसडीएम के सामने गवाही दी थी कि वह अपनी इच्छा से उससे शादी कर रही है। दोनों की मुलाकात 2018 में फेसबुक के जरिए हुई थी और 2022 में पहली बार मिले थे। शानू ने बताया कि आकांक्षा की मां और भाई शुरू में इस रिश्ते से खुश नहीं थे लेकिन बाद में वे मान गए थे लेकिन बजरंग दल को इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने आकांक्षा की मां पर दबाव बना दिया।

उत्तराखंड में शिवलिंग पर खून चढ़ाने का आरोप, भड़के हिंदू संगठनों ने किया जोरदार प्रदर्शन

इस प्रेमी जोड़े के वकील राहुल अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में कई अंतरजातीय और अंतरधार्मिक प्रेमी जोड़ों ने सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि ऐसी शादियों के मामलों में काफी राजनीति होती है और कई तरह के संगठन इन मामलों में शामिल हो जाते हैं। इस पूरे विवाद का असर मोहम्मद शानू की दुकान पर भी पड़ा है। शानू बताते हैं कि वह पहले रात 10 बजे तक काम करते थे और शाम को सैलून में आते थे लेकिन अब डर के चलते वह अपनी दुकान 6 बजे ही बंद कर देते हैं।

उधम सिंह नगर की बजरंग दल इकाई के प्रमुख यशपाल राजहंस ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर कहा कि उनके संगठन के कार्यकर्ताओं ने आकांक्षा को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह शानू से शादी करने के फैसले पर डटी रही। यशपाल राजहंस ने कहा कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद लव जिहाद को रोकने के लिए खड़े हैं और सभी को अपनी बहनों और बेटियों को उन लोगों से बचाना चाहिए जो नाम बदलकर गुमराह करते हैं।

समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद उत्तराखंड में पहला लिव-इन रिलेशनशिप रजिस्टर, 5 आवेदनों को मंजूरी का इंतजार

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू होने के बाद से ही जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा है, वह लिव इन रिलेशनशिप के मामलों को लेकर है। इसे लेकर पहला मामला रजिस्टर हो गया है। इसके अलावा सरकार को 5 और आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसकी अधिकारी जांच कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार पहले ही लव जिहाद को लेकर कानून बना चुकी है।

बताना होगा कि उत्तराखंड की धामी सरकार ने यूसीसी को लेकर जो नियम बनाए हैं उनमें लिव इन में रहने वाले कपल्स को रजिस्ट्रेशन के लिए 16 पेज का फॉर्म भरना होगा। किसी पुजारी से एक प्रमाण पत्र भी लेना होगा जिसमें लिखा होगा कि प्रेमी जोड़ा यदि चाहे तो विवाह करने के योग्य है। अगर कोई कपल लिवइन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है तो उसे 6 महीने की जेल हो सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि यूसीसी किसी धर्म या वर्ग के खिलाफ नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य सभी को समान अधिकार प्रदान करना है।

क्लिक कर जानिए कौन हैं रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई? गुजरात सरकार ने UCC को लेकर दी बड़ी जिम्मेदारी।

Jammu-Kashmir: श्रीनगर में चेकपोस्ट तोड़कर भागा ट्रक ड्राइवर, सेना के जवान ने रोकने के लिए चलाई गोली तो…

कश्मीर में सोपोर के नजदीक श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे पर सेना के जवानों के साथ हुई गोलीबारी में एक ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई। सेना ने बताया कि ट्रक ने चेकपॉइंट पार कर लिया, जिसके बाद उसका 23 किलोमीटर से ज़्यादा तक पीछा किया गया। सेना के बयान के अनुसार, सैन्यकर्मियों ने ट्रक के टायरों पर गोली चलाई ताकि उसकी हवा निकल जाए और ट्रक रुक गया। सेना ने कहा कि इसके बाद वे घायल चालक को अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्होंने घटना की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने ट्रक चालक की पहचान 32 वर्षीय वसीम अहमद मीर के रूप में की है जो सोपोर के बोमई गांव का निवासी है।

श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर सेना के शिविर और पुलिस चौकियां हैं। इसे चौड़ा करने के लिए कई जगहों पर खुदाई भी की गयी है। चिनार कोर ने एक बयान में कहा, “5 फरवरी, 2025 को आतंकवादियों की गतिविधि के बारे में एक खुफिया इनपुट के आधार पर, सुरक्षा बलों द्वारा एक मोबाइल वाहन चेक पोस्ट स्थापित किया गया था। एक तेज गति से चलने वाला संदिग्ध नागरिक ट्रक देखा गया और जब उसे रुकने के लिए कहा गया तो बार-बार चेतावनी के बावजूद ट्रक नहीं रुका। इसके बजाय ड्राइवर ने चेक पोस्ट को पार करते हुए स्पीड और भी तेज कर ली।”

मध्य प्रदेश में एयरफोर्स का विमान क्रैश, पायलट सुरक्षित, दिए गए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश

बयान में आगे कहा गया है, “सतर्क सैनिकों ने 23 किलोमीटर से ज़्यादा समय तक वाहन का पीछा किया। टायरों को निशाना बनाकर गोलियां चलाई गईं, जिससे वाहन को संग्राम चौक पर रुकना पड़ा। विस्तृत तलाशी के बाद, घायल चालक को सुरक्षा बलों ने तुरंत जीएमसी बारामुल्ला पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।”

सेना के अनुसार, “ ट्रक को नजदीकी पुलिस स्टेशन भेज दिया गया है। पुलिस हिरासत में लिए गए ट्रक की विस्तृत तलाशी ली जा रही है और संदिग्ध के पिछले रिकॉर्ड की जांच जारी है।”

वहीं, दूसरी ओर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने इस घटना पर आश्चर्य व्यक्त किया और सवाल उठाए। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “यह चौंकाने वाली बात है कि कठुआ में ‘ओजीडब्ल्यू (ओवरग्राउंड वर्कर)’ के नाम पर एक नागरिक की हत्या के बाद सोपोर के एक अन्य नागरिक को सेना ने गोली मार दी। यह कितना अजीब है कि 23 किलोमीटर से अधिक समय तक ट्रक का पीछा करने के बाद, वे टायरों पर गोली चलाने का दावा करते हैं लेकिन किसी तरह से उस पर गोली नहीं चल पाती। क्या कश्मीरियों की जान इतनी सस्ती है? आप कब तक हर किसी पर शक की सुई घुमाकर इस बेलगाम दंडहीनता को उचित ठहराते रहेंगे?” पढ़ें- पिनाका रॉकेट लॉन्चर के लिए 10 हजार करोड़ का एमओयू तैयार, रक्षा समिति ने दी मंजूरी

2009 से 2025 के बीच अमेरिका से कितने भारतीयों को भेजा गया वापस? विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया

Jaishankar on Illegal Indian Immigrants: अमेरिका में गैर कानूनी रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने का मामला काफी तूल पड़ गया है। विपक्ष के सांसदों ने इसे लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि जिस तरह भारतीयों को वहां से हवाई सफर में बेहद खराब हालात में भेजा गया वह बेहद शर्मनाक है। विपक्षी सांसदों ने इस मामले में मोदी सरकार से कदम उठाने की मांग की है। इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया है।

इस मामले में लगातार हंगामा बढ़ने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया है।

LIVE: ‘जातिवाद का जहर फैलाने का हो रहा प्रयास’, राज्यसभा में बोले PM मोदी

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम इस मामले में अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वासित किए गए व्यक्तियों के साथ हवाई सफर के दौरान किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो। मंत्री ने स्पष्ट किया कि निर्वासन या वापस भेजा जाना कोई नई प्रक्रिया नहीं है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के सवाल पर कहा कि 104 भारतीयों को वापस भेजने के बारे में सरकार के पास पूरी जानकारी थी। 

कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका की सरकार ने भारतीयों को बेहद अमानवीय तरीके से देश भेजा, उन्हें जंजीरों मे बांधकर बहुत बदसलूकी की। गोगोई ने कहा कि इस मामले में विदेश मंत्री ने बहुत ही कमजोर बयान दिया है। मोदी सरकार देश की अस्मिता को झुकाने पर तुली है, हम इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जब भारतीयों का अपमान हो रहा है तो मोदी सरकार चुप्पी साधे बैठी है।

‘हाथों में हथकड़ियां, पैरों में जंजीर, 40 घंटे तक टॉयलेट जाना भी मुश्किल…’ पढ़िए पंजाब के हरविंदर की कहानी

Parliament Session: ‘मजबूरी के कारण लगा रहे ‘जय भीम’ का नारा…’, जानें राज्यसभा में PM मोदी के भाषण की 5 बड़ी बातें

संसद के बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रेरक और प्रभावी था और हम सब के लिए आगे के काम करने का मार्गदर्शन भी था।

1.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में कहा, “कांग्रेस के मॉडल में सर्वोपरि है फैमिली फर्स्ट। कांग्रेस से ‘सबका साथ सबका विकास’ के बारे में अपेक्षा करना गलती होगी। ये उनकी सोच-समझ के बाहर है और उनके रोडमैप में भी ये सूट नहीं करता। क्योंकि जब इतना बड़ा दल, एक परिवार को समर्पित हो गया है, तो उसके लिए ‘सबका साथ-सबका विकास’ संभव ही नहीं है।”

2. प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां पर ‘सबका साथ-सबका विकास’ पर बहुत कुछ कहा गया। ‘सबका साथ-सबका विकास’ तो हम सबका दायित्व है। इसलिए देश ने हम सबको यहां बैठने का अवसर दिया है। पीएम ने कहा, “मैं तीसरी बार सेवा के लिए हमें चुनने के लिए देश का आभारी हूं। भारत के लोगों ने हमारी प्रगति की नीति को परखा है और हमें वादों को पूरा करते हुए देखा है। हमने लगातार ‘राष्ट्र प्रथम’ के आदर्श के साथ काम किया है। पांच-छह दशकों तक देश के लिए कोई वैकल्पिक मॉडल नहीं था। 2014 के बाद देश को शासन का एक वैकल्पिक मॉडल मिला है। यह नया मॉडल तुष्टिकरण पर नहीं बल्कि संतुष्टि पर केंद्रित है।”

3. पीएम ने आगे कहा, “कांग्रेस ने राजनीति का एक ऐसा मॉडल तैयार किया था, जिसमें झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार परिवारवाद, तुष्टिकरण आदि का घालमेल था। कांग्रेस के मॉडल में ‘Family First’ ही सर्वोपरि है। इसलिए, उनकी नीति-रीति, वाणी-वर्तन उस एक चीज को संभालने में ही खपता रहा है।”

जानें लोकसभा में पीएम मोदी ने राहुल गांधी को क्या दी सलाह

4. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “तीन दशकों से दोनों सदनों के सभी दलों के ओबीसी सांसद सरकार से ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे। इसे बार-बार नकारा गया। यह उस समय की उनकी राजनीति को शोभा नहीं देता था.दशकों के इंतजार के बाद, समुदाय की मांगों का सम्मान करते हुए, हमने इस आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। भारत के पास जो समय है, उसके पल-पल का उपयोग देश की प्रगति के लिए, जन-सामान्य के लिए हो। इसके लिए हमने Saturation का अप्रोच अपनाया। जो योजना बनें, जिनके लिए बनें, उनको उसका शत-प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए। किसी को दिया, किसी को नहीं दिया, उस स्थिति से बाहर आकर saturation के अप्रोच की ओर हमारे काम को हमने आगे बढ़ाया है।”

5. राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “यह अच्छी तरह से पता है कि कांग्रेस के मन में डॉ बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति कितना गुस्सा और नफरत थी। उन्होंने कभी भी बाबा साहेब को भारतरत्न के लायक नहीं माना। लेकिन, आज मजबूरियों के कारण उन्हें ‘जय भीम’ का नारा लगाना पड़ रहा है।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स