S. Jaishankar On Deportation: विदेश मंत्री एस जयशंकर आज दोपहर 2 बजे संसद में अमेरिका से कथित अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन के मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने डिपोर्टेशन पर संयुक्त राष्ट्र की संधि का जिक्र किया और कहा कि ये लीगल माइग्रेशन को सपोर्ट करने और अवैध माइग्रेशन को हतोत्साहित करने लिए है। जयशंकर ने कहा कि डिपोर्टेशन कोई नई बात नहीं है। विदेश मंत्री ने 2009 से लेकर अब तक के आंकड़े भी बताए और कहा कि हर साल अवैध प्रवासियों को वापस भेजा जाता है। अमेरिकी नियम के हिसाब से कार्रवाई की गई है।
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा को जानकारी दी कि अमेरिका सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई नागरिक विदेश में रह रहा पाया जाता है तो उसे वापस बुलाना सभी देशों का दायित्व है। हम अमेरिकी सरकार से संपर्क कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का बुरा बर्ताव न हो।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के सवाल पर कहा कि 104 भारतीयों को वापस भेजने के बारे में हमें पूरी जानकारी थी। हमने अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वह एक वापस आने वाले भारतीय से बैठकर बात करे कि वह कैसे अमेरिका पहुंचे। उन्हें किसी एजेंट्स ने धोखा दिया था या फिर कुछ और वजह थी।
अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों को बेड़ियों में जकड़ कर भेजा गया भारत
विपक्षी पार्टियों के कई सारे सांसदों ने अमेरिका में अवैध तरीके से भारतीयों को वापस भेजने के तरीके पर सवाल खड़े किए। बुधवार को एक अमेरिका का सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। निर्वासित लोगों ने दावा किया कि अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ और पैरों में हथकड़ी लगी रही और जब वह अमृतसर के एयरपोर्ट पर पहुंचे उसी के बाद में उन्हें खोला गया। इनमें से हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन तथा चंडीगढ़ से दो लोग शामिल थे।
अवैध रूप से अमेरिका में प्रवास करने वाले एक भारतीय शख्स ने कहा, ‘मुझसे झूठ बोला गया था कि मुझे कानूनी तरीके से भेजा जाएगा, लेकिन मुझे डंकी रूट के रास्ते से भेजा गया। मुझे रास्ते में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अब जब मैं वापस आ गया हूं, तो मैं यहां काम करूंगा। मैंने बड़ी मुश्किल से सीमा पार की। मैं 8 महीने में वहां पहुंचा। मुझे 20 दिनों तक अमेरिकी सीमा पर जेल में रखा गया और फिर मुझे वापस भेज दिया गया। हमारे हाथ-पैर जंजीरों से बांध दिए गए और हमें बताया गया कि हमें वापस भारत भेजा जा रहा है। हमें अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचने में 40 घंटे लगे। बच्चों को छोड़कर सभी को जंजीरों से बांध दिया गया। अब हम यहां खेती करेंगे। स्थानीय विधायक ने कहा है कि सरकार हमारी मदद करेगी। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमारे पैसे वापस दिलाने में हमारी मदद करे। हमसे झूठ बोला गया और डंकी रूट से अवैध तरीके से भेजा गया।’ पढ़िए अमेरिकी जहाज में कितनी मुश्किलें झेली पंजाब के हरविंदर ने पढ़ें पूरी खबर…