क्यों बिहार-बंगाल क्रिमिनल नेक्सस पुलिस के लिए बन रहा बड़ी मुसीबत? कोलकाता में पकड़ा गया पटना हॉस्पिटल मर्डर का आरोपी

बिहार की राजधानी पटना के एक अस्पताल में कुछ दिन पहले बदमाशों ने एक कैदी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब इसी सिलसिले में कोलकाता के एक 26 वर्षीय व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है। ऐसे में एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या पश्चिम बंगाल पड़ोसी राज्यों, खासकर बिहार के अपराधियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बनता जा रहा है। पुलिस अधिकारी मज़बूत अंतर-राज्यीय समन्वय की आवश्यकता पर ज़ोर दे रहे हैं, वहीं विपक्षी नेताओं और पूर्व पुलिस अधिकारियों ने सीमा पार अपराध के एक उभरते पैटर्न की ओर इशारा किया है। यहां से अपराधी आसानी से काम कर रहे हैं।

रविवार को कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) ने एक गेस्टहाउस से 26 वर्षीय तौसीफ को गिरफ्तार किया। वह 36 वर्षीय चंदन मिश्रा की हत्या का आरोपी है, जो हत्या का एक दोषी था और पैरोल पर बाहर था। कोलकाता पुलिस ने कहा कि बिहार पुलिस आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू कर रही है, जिनमें से तीन को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

एक रिटायर्ड वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपराधियों की सीमा पार आवाजाही कानून के लिए काफी चुनौतियां पेश करती है। अधिकारी ने कहा, “यह घटना अकेली नहीं है, बल्कि यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति का संकेत है, जहां एक राज्य में आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्ति दूसरे राज्य में सक्रिय पाए जा रहे हैं या शरण ले रहे हैं।”

चंदन मिश्रा हत्याकांड में बड़ी गिरफ्तारी, बंगाल में चला पुलिस-STF का ऑपरेशन

हालांकि CPI(M) केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि राज्य की ममता सरकार इसमें शामिल है। उन्होंने कहा, “अपराधी बंगाल और कोलकाता को सुरक्षित पनाहगाह मान रहे हैं। क्या यह स्थानीय पुलिस को नियंत्रित करने वालों की मदद के बिना हो सकता है? अपराधियों को लगता है कि यहां कोई उनके लिए चीज़ें ‘मैनेज’ कर सकता है।”

वहीं जवाब में तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि सीमा पार आपराधिक गतिविधियां सिर्फ़ बंगाल तक ही सीमित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां अपराध यहां हुए लेकिन अपराधियों का पता दूसरे राज्यों से चला। हमने पड़ोसी राज्यों में डकैती शिविर भी चलते देखे हैं, जहां से अपराधियों को बंगाल भेजा गया।”

कुणाल घोष ने आसनसोल का एक कथित उदाहरण देते हुए कहा, “आसनसोल में एक डकैती के बाद यह पाया गया कि अपराधियों को एक पड़ोसी राज्य में प्रशिक्षित किया गया था। उन्हें वहां हथियार दिए गए और अपराध करने के लिए यहां भेजा गया। उस समय हमने यह नहीं कहा था कि राज्य अपराधियों के लिए पनाहगाह है।” घोष ने अगरतला में कथित रोहिंग्या घुसपैठियों की गिरफ़्तारियों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग दिल्ली जा रहे थे, तो कुछ बंगाल जाने वाली ट्रेन पकड़ने की योजना बना रहे थे। हमारे खुफिया नेटवर्क की बदौलत ही पड़ोसी राज्यों से कई लोगों को गिरफ्तार करने में मदद मिली।

2024 में बिहार के गैंगस्टर पप्पू चौधरी का नाम टीएमसी पार्षद सुशांत घोष की हत्या के प्रयास में सामने आया। पप्पू चौधरी और उसके साथी बिहार गैंगस्टर सुबोध सिंह को पुलिस ने बंगाल में कई हाई-प्रोफाइल अपराधों से जोड़ा है, जिसमें 2019 में भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या और 2023 में दुर्गापुर के व्यवसायी राजू झा की हत्या शामिल है। सुबोध सिंह का नाम बंगाल के कई जिलों में कई मामलों में सामने आया है। 2024 में नदिया और पुरुलिया में ज्वेलरी की दुकानों में हुई डकैती के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए चार संदिग्ध कथित तौर पर बिहार स्थित एक गिरोह का हिस्सा पाए गए।

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पुलिस सूत्रों का अनुमान है कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में लगभग 50 आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं, जिनके तार बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि नेपाल तक फैले हुए हैं। उनके अनुसार पिछले तीन वर्षों में कोलकाता पुलिस एसटीएफ और बिहार एसटीएफ के संयुक्त अभियानों में कम से कम 58 गिरफ्तारियां हुई हैं और 115 से अधिक शस्त्र जब्त किए गए हैं, जिनमें से कई कथित तौर पर बिहार में अवैध हथियार कारखानों से प्राप्त किए गए हैं। दोनों राज्यों के बीच हथियारों का व्यापार एक बढ़ती हुई चिंता का विषय बना हुआ है।

पिछले साल बिहार के मुंगेर में एक संयुक्त छापेमारी में एक हथियार निर्माण इकाई का पर्दाफाश हुआ, जहां से बंदूक के पुर्ज़े और उपकरण ज़ब्त किए गए। कोलकाता और झारखंड के कुछ हिस्सों में भी इसी तरह की छापेमारी में अवैध हथियार और कारतूस बरामद हुए हैं।

एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा, “बंगाल-बिहार सीमा की प्रकृति और अपराधियों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में आसानी से आना-जाना, चीज़ों को मुश्किल बना देता है। हमें वर्तमान स्थिति से कहीं अधिक कठोर अंतर-राज्यीय समन्वय की आवश्यकता है।”

एक अन्य वरिष्ठ सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने आगे कहा, “खुफिया जानकारी विकसित न कर पाना और सक्रिय कदम न उठा पाना हमारी विफलता है। बिहार में जो हो रहा है, उस पर हमारी नज़र नहीं है, लेकिन अगर बार-बार अपराधी गिरफ्तारी से बचने के लिए कोलकाता भागते पाए जाते हैं, तो इससे बदनामी होती है। यह निश्चित रूप से चिंताजनक है।”

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दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (DIAL) द्वारा सोमवार को शुरू की गई DEL वाइब्स नामक एक नई पहल के तहत, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट पर यात्री अब भारतीय शास्त्रीय नृत्य, संगीत और शिल्प कार्यशालाओं का लाइव एक्सपीरिएंस ले सकेंगे। यह कार्यक्रम सभी टर्मिनलों पर शुरू किया गया है और इसका उद्देश्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय, दोनों तरह के यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान एक सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करना है।

इसके तहत कथक और भरतनाट्यम सहित भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों के लाइव प्रदर्शन के साथ-साथ शहनाई, संतूर, सितार और सारंगी जैसे वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन भी शामिल है। DIAL के अनुसार, यात्री हस्तशिल्प सत्रों और कलाकारों द्वारा संचालित प्रदर्शनों में भी भाग ले सकते हैं। ये प्रदर्शन प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच आयोजित किए जाते हैं और इनमें 10-15 मिनट का शास्त्रीय नृत्य, 20-25 मिनट का लाइव संगीत और 15 मिनट का क्यूरेटेड शिल्प अनुभव शामिल होता है।

DIAL ने बताया कि इन सत्रों के बीच-बीच में कुछ एक्स्ट्रा सेगमेंट भी होते हैं जिनका संचालन एम्सी (emcees) द्वारा किया जाता है ताकि यात्रियों से संवाद स्थापित किया जा सके और उन्हें कार्यक्रम के माध्यम से मार्गदर्शन दिया जा सके। डायल के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य यात्रा से जुड़े तनाव और चिंता को कम करना है, खासकर पहली बार यात्रा करने वालों के लिए, एक शांत और आकर्षक माहौल प्रदान करके। एयरपोर्ट ने इसे यात्रा के समय को सांस्कृतिक विसर्जन के अवसर में बदलने का एक प्रयास बताया।

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डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा, “यह हर यात्री को एयरपोर्ट से निकलने से पहले ही भारत की सांस्कृतिक समृद्धि की एक झलक देने का हमारा तरीका है।” उन्होंने आगे कहा, “यह न केवल भारत के सबसे व्यस्त परिवहन केंद्र का प्रबंधन और संचालन करने बल्कि यात्रियों के लिए यादगार अनुभव बनाने के हमारे दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।”

IGI ने एक बयान में कहा, “एयरपोर्ट देश की समृद्ध विरासत को दर्शाने वाली बड़े पैमाने की स्थापनाओं का निर्माण करके भारतीय कला और संस्कृति को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है—जैसे टर्मिनल 3 पर बारह मुद्रा मूर्तियां, 12 फुट ऊंची सूर्य नमस्कार प्रतिमा, साथ ही प्रमुख समकालीन कलाकारों द्वारा भित्ति चित्र और पेंटिंग और भारत भर के प्रसिद्ध चित्रकारों और मूर्तिकारों की कृतियों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनियां। हवाई अड्डा यह सुनिश्चित करता है कि देश में प्रवेश करने से पहले अंतर्राष्ट्रीय यात्री भारतीय संस्कृति की एक दृश्य यात्रा का अनुभव करें।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स

Mumbai Train Bombings: ‘उनको सजा-ए-मौत देने के बजाय बरी कर दिया’, प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- ये तो जले पर नमक डालने जैसा है

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (21 जुलाई, 2025) को 2006 में हुए 7/11 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के सभी 12 दोषियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है। जस्टिस अनिल एस. किलोर और जस्टिस श्याम सी. चांडक की विशेष खंडपीठ ने 2015 में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) की एक विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले को खारिज कर दिया। वहीं अब उद्धव सेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले को लेकर राज्य की महायुती सरकार पर निशाना साधा है।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “यह बहुत दुखद है, उन्हें मौत की सज़ा देने के बजाय बरी कर दिया गया है। ये जले पर नमक डालने जैसा है। इससे पता चलता है कि हमने जो मामला पेश किया था, वह पूरी तरह से पुख्ता नहीं था, उसमें खामियां थीं। मेरा मानना है कि यह राज्य सरकार की गलती है। राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और गंभीर तर्क पेश नहीं किया, जिसकी वजह से यह फैसला आया है। मुझे उम्मीद है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस (जो मुख्यमंत्री भी हैं) इस अदालती फैसले को चुनौती देंगे।”

#WATCH | 2006 Mumbai Train Blasts: Bombay High Court acquits all 12 accused. Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi said, “This is very sad, instead of giving them the death penalty, they have been acquitted. This shows that the case we presented was not foolproof, it had… pic.twitter.com/oZ0Di6BQUM

बता दें कि अदालत ने भारतीय दंड संहिता (IPC), गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) और विस्फोटक अधिनियमों के विभिन्न प्रावधानों के तहत 5 आरोपियों को मौत की सजा और बचे सात को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 12 आरोपियों में से एक कमाल अहमद मोहम्मद वकील अंसारी की 2021 में नागपुर जेल में बंद रहने के दौरान कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु हो गई थी।

2006 Mumbai Local Train Blasts: मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में 19 साल बाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 12 आरोपियों को किया बरी

11 जुलाई 2006 को शाम 6:23 बजे से 6:29 बजे के बीच मुंबई की 7 सब अर्बन लोकल ट्रेनों के फर्स्ट क्लास में सात बम विस्फोट हुए। इन सिलसिलेवार विस्फोटों में 187 लोगों की दुखद मौत हो गई और लगभग 824 लोग घायल हुए। इस घटना के बाद मुंबई के विभिन्न पुलिस थानों में सात अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं।

बाद में इन मामलों को एक साथ मिलाकर आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) को जांच के लिए सौंप दिया गया। एटीएस ने 13 आरोपियों की पहचान की, जिन पर पंद्रह फरार आरोपियों के साथ मुकदमा चलाया गया। दो आरोपी ऐसे थे, जिनकी सुनवाई के समय तक मृत्यु हो चुकी थी।

जस्टिस वर्मा की छुट्टी होना तय! 208 सांसद हटाने को तैयार, पक्ष-विपक्ष दोनों के नेता शामिल

Justice Yashwant Verma News: कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें हर बीतते दिन के साथ और ज्यादा बढ़ती जा रही हैं। अब बताया जा रहा है कि लोकसभा के 145 सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए एक पेटीशन सबमिट कर दी है। राज्यसभा के 63 सांसदों ने भी ऐसी ही पेटीशन दी है, यानी कि यशवंत वर्मा को हटाने की तैयारी पूरी हो चुकी है।

अब अगर किसी भी जज को उसके पद से हटाना है तो लोकसभा में कम से कम 100 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है, वहीं राज्यसभा में भी आंकड़ा 50 तो होना ही चाहिए।

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को ही जानकारी दी थी कि 100 सांसदों ने एक नोटिस पर साइन किया है, वो नोटिस जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने को लेकर ही है। सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट कर चुकी है कि वो किसी भी तरह की राजनीति में नहीं पड़ना चाहती है। एक आम सहमति बनाकर जस्टिस वर्मा को उनके पद से हटाना है।

वैसे एक तरफ देश की संसद जस्टिस वर्मा के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ खुद जस्टिस यशवंत वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि जो जांच कमेटी इस पूरे मामले की तफ्तीश कर रही है, उसने उन्हें सही तरीके से अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया।

यशवंत वर्मा का जन्म 6 जनवरी, 1969 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बी.कॉम ऑनर्स की डिग्री ली थी, इसके बाद रीवा विश्वविद्यालय से उन्होंने लॉ में ही अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। 8 अगस्त, 1992 को वे एक एडवोकेट के रूप में नामांकित हुए थे, कहा जा सकता है कि कानून की दुनिया में उनका डेब्यू हुआ था। यशवंत वर्मा के करियर को अगर समझा जाए तो उन्होंने सबसे ज्यादा संवैधानिक, इंडस्ट्रियल विवाद, कॉर्पोरेट, टैक्सेशन, पर्यावरण जैसे केस लड़े हैं। लंबे समय तक वे इलाहाबाद हाई कोर्ट के विशेष वकील के रूप में भी काम कर चुके हैं।

2012 से 2013 तक यशवंत ने यूपी के मुख्य स्थायी वकील के रूप में भी काम किया, फिर वे एक सीनियर एडवोकेट के रूम में नामित हो गए। उन्हें अगला बड़ा प्रमोशन 13 अक्टूबर 2014 को तब मिला जब वे एडिशनल जज बन गए। इसके बाद 1 फरवरी 2016 को उन्हें परमानेंट जज के रूप में काम करने का मौका मिला, उन्होंने शपथ ली। साल 2021 में उनका दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर हो गया। बतौर जज कई मामलों की सुनवाई यशवंत वर्मा कर चुके हैं, अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर भी उनकी एक अहम टिप्पणी रही है।

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V.S. Achuthanandan: केरल के पूर्व मुख्यमंत्री अच्युतानंदन का 102 वर्ष की उम्र में निधन, लंबे समय से अस्पताल में भर्ती थे वामपंथी दिग्गज

Velikkakathu Sankaran Achuthanandan News in Hindi: केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ सीपीआई(एम) नेता वी.एस. अच्युतानंदन का 102 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समस्य से अस्पताल में भर्ती थे। अच्युतानंदन का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ है। अच्युतानंदन को करिश्माई नेताओं में से एक माना जाता था। उनका राजनीतिक करियर करीब 8 दशक लंबा था। अच्युतानंदन वामपंथी दल के प्रमुख नेता थे और उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था।

अच्युतानंदन का जन्म 20 अक्टूबर 1923 को अलफूजा के एक गरीब परिवार में हुआ था और बचपन में ही उनके माता-पिता की मौत हो गई थी। अपनी जीविका चलाने के लिए अच्युतानंदन एक दर्जी की दुकान में काम करने लगे और बाद में कारखाने में काम करने लगे। इसके बाद वामपंथी आंदोलन से अच्युतानंदन इतने प्रभावित हुए कि उससे जुड़ गए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 32 नेताओं ने की थी और इसमें अच्युतानंदन का भी नाम शामिल था।

अच्युतानंदन 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे। 82 वर्ष की आयु में वे इस पद को ग्रहण करने वाले सबसे वृद्ध व्यक्ति थे। अच्युतानंदन ने 2016 से 2021 तक केरल में प्रशासनिक सुधारों के अध्यक्ष के रूप में राज्य कैबिनेट रैंक के साथ काम किया। अच्युतानंदन 15 वर्षों तक विपक्ष के नेता भी रहे। वह ऐसे पहले केरल के नेता बन गए, जो 15 साल तक विपक्ष के नेता रहें। अच्युतानंदन 1985 से जुलाई 2009 तक CPI(M) पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे।

रनवे से ही फिसल गया एअर इंडिया का विमान, कोच्चि से मुंबई जा रही थी फ्लाइट

अच्युतानंदन ने मुख्यमंत्री के रूप में कई कार्य किए, जिनमें मुन्नार में अवैध रूप से कब्ज़ा की गई कई एकड़ ज़मीन को वापस लेने के लिए चलाया गया अतिक्रमण विरोधी अभियान भी शामिल है। अच्युतानंदन ने राज्य में लॉटरी माफिया के खिलाफ संघर्ष भी किया है। उन्होंने पूर्व मंत्री आर. बालकृष्ण पिल्लई को भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अच्युतानंदन ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में मुफ्त सॉफ़्टवेयर को बढ़ावा देने और राज्य की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में मुफ्त सॉफ़्टवेयर को अपनाने में भी अहम भूमिका निभाई।

अच्युतानंदन ने ट्रेड यूनियन गतिविधियों के जरिए से राजनीति में एंट्री की और 1938 में कांग्रेस में शामिल हो गए। 1940 में वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के सदस्य बन गए। एक राजनेता के रूप में अपने 40 वर्षों के दौरान उन्हें पांच साल और छह महीने की कैद हुई और साढ़े चार साल तक वे छिपे रहे। वे 1957 में CPI के राज्य सचिवालय सदस्य थे। अच्युतानंदन उन 32 सदस्यों में से एकमात्र जीवित थे, जिन्होंने 1964 में CPI राष्ट्रीय परिषद छोड़कर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का गठन किया था। अच्युतानंदन 1980 से 1992 के बीच केरल राज्य समिति के सचिव थे।

वापस जाएगा ब्रिटिश F-35 फाइटर जेट, महीनेभर से तकनीकी खराबी के चलते केरल एयरपोर्ट पर खड़ा था विमान

British F-35 Fighter Jet: ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35B लड़ाकू विमान 14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग के बाद केरल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंसा हुआ था। अब खबरें हैं कि ये विमान उड़ान भरने और वापस ब्रिटेन जाने के लिए तैयार हो गया है। सूत्रों के मुताबिक ये ब्रिटेन का ये फाइटर जेट एयर इंडिया के हैंगर में मरम्मत के लिए पार्क किया गया था।

इंडियन एक्सप्रेस ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के सूत्रों के हवाले से बताया है कि विमान को अब हैंगर से वापस बे में ले जाया जा रहा है। इस विमान में तकनीकी खराबी आई थी, जिसके चलते विमान को मरम्मत के लिए 6 जुलाई को एक इंजीनियर्स की टीम आई थी। जेट की मरम्मत हैंगर में ही की जा रही है।

संसद की कार्यवाही के अपडेट्स | आज की बड़ी खबरें

जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन से फाइटर जेट को ठीक करने आई 14 सदस्यीय इंजीनियर्स की टीम एयरबस A400M एटलस विमान से ब्रिटेन लौटेगी। ये विमान मंगलवार को ब्रिटेन से आएगा। अनुमान है कि जल्द ही F-35 फाइटर जेट भी ब्रिटेन वापसी के लिए टेक ऑफ करेगा।

एयरपोर्ट के सूत्रों ने बताया कि विमान की पार्किंग का किराया मौजूदा दरों के अनुसार ही होगा। बताया गया कि पार्किंग चार्ज प्रतिदिन के हिसाब से 15,000-20,000 रुपये के बीच होगा। इसके अलावा, लड़ाकू विमान और एयरबस के लिए ज़मीन का शुल्क भी लगेगा। इसकी गणना 1 लाख से 2 लाख रुपये के बीच की जाती है। अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया हवाई अड्डे पर अपने रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधा के इस्तेमाल के लिए शुल्क तय करेगी।

जस्टिस वर्मा की छुट्टी होना तय! 208 सांसद हटाने को तैयार, पक्ष-विपक्ष दोनों के नेता शामिल

बता दें कि ब्रिटिश रॉयल नेवी के विमानवाहक पोत एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स के एफ-35बी विमान ने 14 जून को तिरुवनंतपुरम में लैंडिंग की थी। वह भारतीय वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (आईआरओ) के बाहर एक नियमित उड़ान भर रहा था। तिरुवनंतपुरम को आपातकालीन रिकवरी हवाई क्षेत्र के रूप में नामित किया गया था। एक ऐसा स्थान जहां उड़ान के दौरान आपात स्थिति में विमान उतर सकते हैं।

न हम न्यूज देखते हैं और न ही यूट्यूब इंटरव्यू – CJI BR गवई

इसके बाद एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली ने ब्रिटिश लड़ाकू विमान का पता लगाया और आपात स्थिति के कारण विमान को डायवर्ट किए जाने के बाद उसे उतरने की अनुमति दी। तीन हफ्ते बाद ब्रिटिश इंजीनियरिंग टीम वहां पहुंची जब उनकी सरकार ने एमआरओ सुविधा में जगह देने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। ब्रिटिश उच्चायोग ने पहले कहा था कि ब्रिटेन भारतीय अधिकारियों और हवाई अड्डा टीमों के समर्थन और सहयोग के लिए आभारी है।

‘एक सेकंड में दौड़ कर हाउस से निकले…’, राहुल गांधी ने PM मोदी पर साधा निशाना; बोले- मुझे बोलने नहीं दिया जाता

F-35 मूल रूप से अमेरिकी फाइटर जेट है, जिसे ब्रिटेन ने अमेरिका से खरीदा था। इन विमानों को बेहद उम्दा तकनीक वाला बताया जाता है, जो कि रडार की पकड़ में बहुत मुश्किल से आते हैं। ये अमेरिका की लेटेस्ट जेनेरेशन के स्टील्थ टेक्नोलॉजी वाले फाइटर जेट्स हैं।

इन्हें अमेरिका दुनिया के अलग-अलग देशों को बेचना चाहते हैं लेकिन ब्रिटिश विमान का केरल में खराबी के चलते लैंड करना और मरम्मत होने में महीने भर से ज्यादा का समय लगना ब्रिटेन के साथ ही अमेरिका के लिए भी किरकिरी वाली बात मानी जा रही है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी मजाक भी बना था।

राहुल ने खिलाया, प्रियंका ने सभी में बांटा… खड़गे के बर्थडे सेलिब्रेशन का VIDEO

‘प्रधानमंत्री की लापरवाही की वजह से…’, TMC के कल्याण बनर्जी बोले- नरेंद्र मोदी देश से माफी मांगें

Fact Check: फर्जी है दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी की बढ़त दिखाने वाला ओपिनियन पोल

विश्वास न्यूज: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 5 फरवरी को वोटिंग हो रही है। इसी बीच आज तक न्यूज चैनल का एक कथित ओपिनियन पोल का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि आज तक के ओपिनियन पोल के अनुसार, दिल्ली में चौथी बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। इस बार चुनाव में आप 56-58 सीटें और बीजेपी 12-14 सीटें जीत सकती है,जबकि कांग्रेस के हाथों एक भी सीट नहीं लगेगीं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। आज तक की ओर से इस तरह का कोई ओपिनियन पोल जारी नहीं किया गया है। 

फेसबुक यूजर ‘Phir Layenge Kejriwal-फिर लाएंगे केजरीवाल’ ने 2 फरवरी 2025 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “सबसे बड़ा ओपिनियन पोल, चौथी बार इतिहास रचने जा रही है AAP”.

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने आज तक की वेबसाइट को खंगाला। हमें वहां पर इस तरह के ओपिनियन पोल से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। 

हमने आज तक के सोशल मीडिया अकाउंट्स और यूट्यूब चैनल को भी खंगाला। हालांकि, हमें वहां पर भी दावे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। 

वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि शब्दों का जो फॉन्ट हैं, वो आज तक की स्टाइल सीट से काफी अलग है।

पड़ताल के दौरान हमने पाया कि वीडियो में आज तक के एंकर सईद अंसारी की आवाज का इस्तेमाल किया गया है। अधिक जानकारी के लिए हमने उनसे संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। उन्होंने इस खबर को नहीं पढ़ा है। वीडियो में उनकी एआई से बनाई गई आवाज का इस्तेमाल किया गया है।

जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा126 (1)(b) के तहत चुनाव के दौरान संबंधित क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय के खत्म होने के 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबंध होता है।

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को करीब सात सौ लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को दिल्ली का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर आज तक का कथित ओपिनियन फर्जी पाया है। आज तक की ओर से इस तरह का कोई ओपिनियन पोल जारी नहीं किया गया है। 

(यह फैक्ट-चेक मूल रूप से विश्वास न्यूज द्वारा किया गया है। यहां इसे शक्ति कलेक्टिव के सदस्य के रूप में पेश किया जा रहा है।)

https://www.vishvasnews.com/politics/fact-check-fake-opinion-poll-claims-aap-lead-in-delhi-vidhan-sabha-election-2025

US Deports Indian Immigrants: लाखों रुपये कर्ज लेकर गए थे अमेरिका, मुसीबत में डाली जान, बिखर गए सपने… आगे क्या होगा पता नहीं?

US Military Aircraft Deported Indians: पंजाब से हर साल हजारों लोग विदेश में बसने का सपना लेकर निकलते हैं। इसके लिए वे लाखों रुपये का कर्ज लेते हैं, डंकी रूट यानी अवैध तरीके से अमेरिका या दूसरे मुल्कों में पहुंचते हैं। इसके लिए वे अपनी जान को भी मुसीबत में डालने से नहीं चूकते। लेकिन अब जब अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने वहां अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों को उनके मुल्क भेजना शुरू किया तो इसमें भारत के भी वे लोग जद में आ गए, जो वहां गैरकानूनी ढंग से रह रहे थे।

ऐसे अप्रवासियों की दुख भरी कहानियां अब लोगों के सामने आ रही हैं।

बुधवार को अमृतसर पहुंचे ऐसे ही अप्रवासियों के रिश्तेदारों ने अपना दर्द मीडिया को बताया। अमेरिका द्वारा वापस भेजे गए यानी निर्वासित किए गए लोगों में पंजाब के 30, हरियाणा और गुजरात के 33-33 लोग शामिल हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के दो-दो और महाराष्ट्र के तीन लोग हैं।30 से 50 लाख रुपए किये खर्च

वापस भेजे गए इन लोगों के रिश्तेदारों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अमेरिका भेजने के लिए 30 से 50 लाख रुपए खर्च किए और इनमें से कई लोग गैर कानूनी तरीकों से या डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे। ऐसे ही एक शख्स अजयदीप सिंह के दादा ने कहा, ‘मेरा पोता 15 दिन पहले ही अमेरिका गया था। मैं उसे अमेरिका भेजने के लिए तैयार नहीं था। मुझे नहीं पता कि उसके साथ क्या गलत हुआ है और उसे भेजने में कितना पैसा खर्च हुआ।’

एक शख्स ने बताया कि उनका एक रिश्तेदार एक महीने पहले ही अमेरिका पहुंचा था। उन्होंने बताया, ‘वह यहां बस ड्राइवर था। उसके दो बच्चे हैं। उसने अमेरिका पहुंचने के लिए 30 लाख रुपये खर्च किए हैं। उसे भी वापस भेज दिया गया है।’

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बुधवार रात को पंजाब पहुंचने के बाद जसपाल ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने उनके साथ धोखाधड़ी की है क्योंकि उनसे वादा किया गया था कि उन्हें कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचा दिया जाएगा। जसपाल ने कहा, ‘मैंने एजेंट से कहा था कि वह मुझे सही वीजा (अमेरिका के लिए) के साथ भेजे। लेकिन उसने मुझे धोखा दिया।’ उन्होंने बताया कि सौदा 30 लाख रुपए में हुआ था। जसपाल ने बताया कि वह पिछले साल जुलाई में हवाई जहाज से ब्राजील पहुंचे थे और उससे वादा किया गया था कि अमेरिका की अगली यात्रा भी हवाई जहाज से ही होगी। लेकिन एजेंट ने उसे धोखा दिया और उसे अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए मजबूर किया।

ब्राजील में छह महीने रहने के बाद वह सीमा पार कर अमेरिका चला गया लेकिन अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जसपाल ने बताया कि उसे वहां 11 दिनों तक हिरासत में रखा गया और फिर वापस घर भेज दिया गया। जसपाल ने कहा कि उसे नहीं पता था कि भारत भेजा जा रहा है। हमें हथकड़ी लगाई गई और पैरों में बेड़ियां डाल दी गईं और इन्हें अमृतसर हवाई अड्डे पर खोला गया।

जसपाल ने कहा कि वापस भेजने से वह बुरी तरह टूट गए हैं। वह बताते हैं कि बहुत पैसा खर्च किया, पैसे उधार लिए थे। बुधवार रात को होशियारपुर पहुंचे दो अन्य निर्वासित लोगों ने भी अमेरिका पहुंचने के दौरान उन्हें आई मुसीबतों के बारे में बताया।

होशियारपुर के टाहली गांव के रहने वाले हरविंदर सिंह ने बताया कि वह पिछले साल अगस्त में अमेरिका के लिए रवाना हुए थे। उन्हें कतर, ब्राजील, पेरू, कोलंबिया, पनामा, निकारागुआ और फिर मैक्सिको ले जाया गया। उन्होंने बताया कि मैक्सिको से उन्हें अन्य लोगों के साथ अमेरिका ले जाया गया। उन्होंने मीडिया को बताया, ‘हमने पहाड़ियां पार कीं। एक नाव, जो उन्हें अन्य व्यक्तियों के साथ ले जा रही थी, समुद्र में डूबने वाली थी लेकिन हम बच गए।’

हरविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने एक व्यक्ति को पनामा के जंगल में मरते हुए तथा एक को समुद्र में डूबते हुए देखा। सिंह ने बताया कि उनके ट्रैवल एजेंट ने वादा किया था कि उन्हें पहले यूरोप और फिर मैक्सिको ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने 42 लाख रुपए खर्च किए। उन्होंने कहा, “कभी-कभी हमें चावल मिल जाता था। कभी-कभी हमें खाने को कुछ नहीं मिलता था। बिस्कुट मिलते थे।”

अमेरिका से वापस भेजे गए पंजाब के ही एक अन्य व्यक्ति ने अमेरिका जाने के लिए इस्तेमाल किए गए ‘डंकी रूट’ के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘रास्ते में हमारे 30,000-35,000 रुपये के कपड़े चोरी हो गए।’ इस व्यक्ति ने बताया कि उसे पहले इटली और फिर लैटिन अमेरिका ले जाया गया। उन्होंने बताया कि नाव से 15 घंटे लंबी यात्रा करनी पड़ी और 40-45 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।

इस शख्स ने बताया, ‘हमने 17-18 पहाड़ियां पार कीं। अगर कोई फिसल जाता तो उसका बचना मुश्किल था। हमने बहुत कुछ देखा है। अगर कोई घायल हो जाता तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। हमने लाशें देखीं।”

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इस मामले में पंजाब सरकार के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि राज्य की भगवंत मान सरकार ऐसे लोगों के साथ है और हम बैंकों के सामने इस बात को उठाएंगे कि अमेरिका जाने के लिए लोन लेने वालों का ब्याज माफ कर दिया जाए। मंत्री ने कहा कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने जो कर्ज लिया है उसे चुकाना उनके लिए मुश्किल होगा।

निश्चित रूप से ऐसे सभी लोगों के सपने पूरी तरह टूट गए हैं जो अमेरिका में ज्यादा पैसे कमाकर अपने घर की आर्थिक मुश्किलों को दूर करना चाहते थे। लेकिन अब उन्हें अमेरिका जाने के लिए जो कर्ज लिया है उसे तो चुकाना ही होगा, अपनी जिंदगी को भी नए सिरे से शुरू करना होगा।

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Fact Check: सुधा और नारायण मूर्ति ने निवेश योजना का समर्थन नहीं किया, AI से बनाए गए वायरल वीडियो फर्जी 

लाइटहाउस जर्नलिज्म को लेखिका सुधा मूर्ति और उनके पति, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर मिले। इन वीडियो में दोनों को एक निवेश योजना का समर्थन करते हुए देखा गया था।

जांच के दौरान, हमने पाया कि वीडियो फ़र्जी हैं और उनमें लोगों को अधिक रिटर्न पाने के लिए न्यूनतम 21,000 रुपये निवेश करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया गया है। वीडियो को Artificial intelligence (AI) द्वारा बनाया गया है।

फ़ेसबुक उपयोगकर्ता एविएटर उस्मान ने फ़ेसबुक पर वायरल पोस्ट शेयर की।

इसमें सुधा मूर्ति को दिए गए लिंक पर पंजीकरण करके लोगों को एक योजना में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए सुना गया।

आर्काइव लिंक।

फेसबुक यूजर यान कुमवाम्बा ने भी नारायण मूर्ति का एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया है।

इस वीडियो को इंडिया टुडे के लोगो के साथ शेयर किया गया था और इसमें पत्रकार राजदीप सरदेसाई भी थे।

आर्काइव लिंक।

वीडियो 1:

हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।

कीफ्रेम से बहुत ज़्यादा नतीजे नहीं मिले, इसलिए हमने सिर्फ़ Google कीवर्ड सर्च किया, ‘सफ़ेद साड़ी में सुधा मूर्ति’, जैसा कि वीडियो में दिख रहा है। इससे हमें YouTube पर एक वीडियो मिला, जिसमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते दृश्य थे।

यहाँ वह साड़ियों के बारे में बोल रही थीं, निवेश योजनाओं के बारे में नहीं।

हमें YouTube पर शेयर किए गए दूसरे वीडियो में भी ऐसे ही दृश्य मिले। कीफ़्रेम भी ऐसे ही थे और यहाँ वह बोल रही थीं कि किस वजह से उन्होंने खुद को बदला। यह वीडियो 2021 में अपलोड किया गया था।

YouTube पर भी ऐसे ही वीडियो उपलब्ध थे लेकिन इनमें से किसी भी वीडियो में वह किसी योजना का समर्थन करती नहीं दिखीं।

हमने इस वीडियो को ऑडियो में बदला और फिर इसे Hiya नामक InVid टूल में एम्बेड किए गए AI वॉयस डिटेक्टर के ज़रिए चलाया।

टूल ने पाया कि ऑडियो AI द्वारा जनरेट किया गया था।

वीडियो 2:

हमने वीडियो से प्राप्त ऑडियो को InVid टूल में एम्बेडेड हिया AI वॉयस डिटेक्टर के माध्यम से चलाया। इससे पता चला कि आवाज़ AI द्वारा जेनरेट की गई थी।

कीफ़्रेम पर Google रिवर्स इमेज सर्च से ज़्यादा नतीजे नहीं मिले, इसलिए हमने वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई से संपर्क किया।

लाइटहाउस जर्नलिज्म से बात करते हुए राजदीप सरदेसाई ने स्पष्ट किया कि वीडियो पूरी तरह से फ़र्जी है और उन्होंने निवेश योजनाओं पर नारायण मूर्ति से कोई बातचीत नहीं की। उन्होंने कहा कि उन्होंने टाटा समूह के चेयरपर्सन रतन टाटा के निधन के बाद नारायण मूर्ति का साक्षात्कार लिया था।

निष्कर्ष: सुधा मूर्ति और इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति द्वारा निवेश योजना का समर्थन करने वाले वायरल वीडियो फ़र्जी हैं। ये दोनों वीडियो AI टूल का उपयोग करके बनाए गए हैं।

Delhi Election 2025 Result Date: कब आएंगे दिल्ली चुनाव के नतीजे? कब और कहां देखें लाइव काउंटिंग, यहां पढ़ें पूरी अपडेट

Delhi Election 2025 Result Date And Time: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना 8 फरवरी को सुबह 8 बजे से शुरू होगी, जिसके बाद आधिकारिक नतीजे धीरे-धीरे आने लगेंगे। चुनाव आयोग (ECI) की आधिकारिक वेबसाइट eci.gov.in पर रियल-टाइम अपडेट उपलब्ध होंगे। मतगणना के बाद दोपहर तक अंतिम नतीजे घोषित होने की संभावना है। दिल्ली चुनाव से जुड़ी हर ताजा अपडेट के लिए जनसत्ता.कॉम डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लाइव ब्लॉग भी फॉलो किए जा सकते हैं।

5 फरवरी को हुए मतदान में कुल 60.42% वोटिंग दर्ज की गई, और अब सभी की निगाहें 8 फरवरी को घोषित होने वाले नतीजों पर टिकी हैं। चुनाव को लेकर मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। Google पर “दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम” जैसे कीवर्ड की सर्च में भारी उछाल देखा गया है, जिससे साफ है कि जनता बेसब्री से मतगणना का इंतजार कर रही है। राजनीतिक विश्लेषक और जनता, दोनों ही चुनावी नतीजों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि इससे दिल्ली की सत्ता का भविष्य तय होगा।

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एग्जिट पोल के नतीजे भाजपा को बढ़त मिलने का संकेत दे रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने के करीब पहुंच सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी के 30 से अधिक सीटें जीतने की संभावना कम जताई जा रही है, जिससे उसकी सत्ता बचाने की राह कठिन नजर आ रही है। कांग्रेस के लिए स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि पूर्वानुमानों के मुताबिक, उसे तीन से अधिक सीटें मिलना मुश्किल हो सकता है।

इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। AAP लगातार तीसरी बार सत्ता बचाने की कोशिश कर रही है, BJP 27 साल बाद वापसी के प्रयास में है, और कांग्रेस एक दशक बाद फिर से अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 13,766 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे। चुनावी नतीजों से जुड़े हर ताजा अपडेट के लिए eci.gov.in के साथ-साथ लाइव ब्लॉग भी फॉलो किए जा सकते हैं।