Rajnath Singh Operation Sindoor Speech: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने इस सैन्य ऑपरेशन के बारे में हर सवाल का जवाब दिया है। उनकी तरफ से बताया गया है कि आखिर कैसे 22 मिनट के भीतर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया गया था।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे सैन्य नेतत्व ने ना सिर्फ अपनी मैच्युरिटी दिखाई। ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले हमारी सेना ने हर पहलू का अध्ययन किया था। हमारे पास कई विकल्प थे, लेकिन हमने वो विकल्प चुने जिनसे आतंकियों के ठिकानों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचे और पाकिस्तान के आम लोगों को नुकसान ना पहुंचे। सेना की स्ट्राइक ने आतंकियों के 9 ठिकानों को सटीकता से ध्वस्त किया, एक अनुमान के अनुसार 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। ये सिर्फ अनुमान है, आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है।
ये सारे वो आतंकी हैं जिन्हें पाकिस्तान की सेना का खुला समर्थन मिल रहा था। सेना ने उन सभी बेस को पूरी तरह नष्ट किया। पूरा ऑपरेशन मात्र 22 मिनट में संपन्न किया गया था, हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा है। प्रत्येक भारतीय इस भावना से होत प्रोत हो गया था। यह सिंदूर की लाली शौर्य की कहानी है, भारत की मस्तक की वीरता की निशानी है। सेना ने अंधेरी रात होने के बावजूद सेना ने सबूत भी जुटाए हैं, हमलों के कुछ देर बाद ही मीडिया के जरिए जनता के लिए जारी कर दिया गया था।
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर को किसी के भी दबाव में नहीं रोका गया। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन यह जरूर स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के कहने पर ही सीजफायर हुआ था। रक्षा मंत्री के मुताबिक तीनों ही सेनाओं को खुली आजादी दी गई थी, टारगेट भी उन्हीं को चुनने के लिए कहा गया था। संबोधन में रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ स्थगित हुआ है, इसे फिर प्रारंभ किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने कोई भी मिस एडवेंचर किया तो फिर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
राहुल गांधी का नाम लिए बिना राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि ये नहीं पूछा कि दुश्मन के कितने विमान गिराए गए, यदि उन्हें प्रश्न पूछना ही है तो उन्हें यह पूछना चाहिए क्या भारत ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया,तो इसका उत्तर है हां, हां। मैं विपक्ष के साथियों से कहना चाहता हूं कि अगर पूछना है तो पूछिए कि क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा, तो इसका जवाब है हां। अगर आपको सवाल पूछना है कि जिन आतंकियों ने बहनों क सिंदूर मिटाया, क्या हमने उनके आकाओं को मिटाया, तो इसका उत्तर है हां। अगर आपको पूछना है तो पूछिए क्या हमारे सैनिकों को कोई क्षति हुई है, तो जवाब है ना। लक्ष्य जब बड़े होते हैं तो छोटे मुद्दों पर ध्यान नहीं जाना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई परीक्षा में अच्छे नंबर लाता है तो परिमाण ही मैटर करता है, ये नहीं सोचना चाहिए कि पेंसिंल कैसे टूट गई। इसके बाद रक्षा मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत ने हमेशा शांति की बात की है। अटल बिहारी वाजपेयी ने भी 1999 में लाहौर की यात्रा की थी। 2015 में पीएम मोदी भी नवाज शरीफ से मिले थे। लेकिन टेररिज्म और टॉक साथ में नहीं चल सकती है।
पाकिस्तान पर हमला करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एक ऐसा देश जिसके पास लोकतंत्र का एक भी तिनका ना हो, उससे बातचीत नहीं हो सकती, गोलियों की आवाज में संवाद की आवाज खो जाती है। राजनाथ सिंह ने इसके बाद दो टूक कहा कि भारत ने अब सुदर्शन चक्र उठा लिया है, अब शांत नहीं बैठा जाएगा। रक्षा मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत पर भी विस्तार से बात की।
उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया कि आज का भारत सक्षम भी है और आत्मनिर्भर भी है। अगर कोई हमारे नागरिकों को मारेगा तो भारत चुप नहीं बैठेगा। हम आतंकवाद को हर रूप में खत्म करना चाहते हैं। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय दलों की भी तारीफ की जो दुनियाभर में भारत का संदेश लेकर गए थे।
रक्षा मंत्री ने लोकसभा में हुंकार भरते हुए कहा कि हमने एक नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है, भारत अब किसी भी दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से जो हमने किया, वो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था। लेकिन जो होता है समय पर ही होता है। हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट कर दिया है, उसको लेकर कोई समझौता नहीं होने वाला है। कुछ दिन पहले ही मुझे SCO बैठक में जाने का मौका मिला था, वहां के जारी बयान में हमारा स्टैंड कमजोर किया जा रहा था, ऐसे में हमने उस पर साइन ही नहीं किया और कोई ज्वाइंट स्टेटमेंट सामने नहीं आया।
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