Fact Check: छत्रपति संभाजीनगर का पुराना वीडियो लुधियाना में अंबेडकर की मूर्ति तोड़ने को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन का बताकर वायरल

अमृतसर में संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर की मूर्ति को तोड़े जाने के विरोध में लोगों ने मंगलवार को लुधियाना में जालंधर बाईपास को जाम कर दिया। जालंधर-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। इस बीच, एक्स (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि यह वीडियो लुधियाना में हुए विरोध प्रदर्शन का है।

जांच के दौरान, लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो पुराना है और छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) का है।

एक्स यूजर तरुण जाटव ने भ्रामक दावे के साथ वीडियो शेयर किया।

किसी जातिवादी युवक ने बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति को तोड़ दिया था उसके विरोध में पूरा लुधियाना (पंजाब) बन्द है। ये लोग क्यों भूल जाते हैं कि हम मानते बुद्ध को है तो मानते सम्राट अशोक को भी है। जय भीम pic.twitter.com/sgFdmp5AVu

आर्काइव वर्जन।

अन्य यूजर भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।

हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।

हमें शिवाय धुले के यूट्यूब चैनल पर छह साल पहले अपलोड किया गया एक ऐसा ही वीडियो मिला।

कैप्शन में लिखा था: औरंगाबाद महामोर्चा (औरंगाबाद महामोर्चा) जय भीम

हमें वीडियो में दिख रही छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ज़रिए वीडियो में दिख रही सटीक लोकेशन मिली।

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि इसके दोनों तरफ फ्लाईओवर थे।

निष्कर्ष: छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में हुई एक रैली का छह साल पुराना वीडियो अब लुधियाना, पंजाब में हुए विरोध प्रदर्शन का बताकर शेयर किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।

Fact Check: प्रधानमंत्री मोदी के आवास का वायरल वीडियो AI से बनाया गया, दावा फर्जी

लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि यह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आवास है।

जांच के दौरान, पता चला कि यह वीडियो AI द्वारा बनाया गया है और असली नहीं है।

X यूजर डॉ. शीतल मदान ने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ साझा किया।

मोदी जी का महल और करोड़ों का खर्च, क्या यह देश की गरीब जनता के साथ अन्याय नहीं है? #मोदी_का_राजमहल#Aapinf pic.twitter.com/nCvumFVtpO

अन्य यूजर भी इसी तरह के दावों के साथ यही वीडियो साझा कर रहे हैं।

मोदी जी का महल और करोड़ों का खर्च, क्या यह देश की गरीब जनता के साथ अन्याय नहीं है? #मोदी_का_राजमहल#AapInf pic.twitter.com/CXlDhbVPcC

pic.twitter.com/Bt7yPVDfhc Big Breaking ??चौथी पास अय्याश राजा के राजमहल का Video पहली बार आया जनता के सामने‼️?राजमहल के दरवाज़े जनता के लिए क्या इसलिए ही नहीं खोले जाते?

क्या इसलिए ही राजमहल के दरवाज़े जनता के लिए नहीं खोले जाते?kya bolti janta?kya ye sach hai ?? durse desh walo ko bhi nii pta hoga raj mahal ka raj jese kii Donald Trump ji nd etc pic.twitter.com/IQEJJJwDo5

इस वीडियो का स्रोत AAP का एक्स हैंडल पाया गया।

Big Breaking ??राजमहल का Video पहली बार आया जनता के सामने‼️?क्या इसलिए ही राजमहल के दरवाज़े जनता के लिए नहीं खोले जाते? pic.twitter.com/P52Ph2ak9n

कैप्शन में, हैंडल ने यह उल्लेख नहीं किया कि वीडियो में पीएम नरेंद्र मोदी के आवास को दर्शाया गया है।

वीडियो बहुत सहज दिख रहा था; इसलिए, यह स्पष्ट था कि यह AI द्वारा जेनरेट किया गया था।

हमने वीडियो को InVid टूल में अपलोड किया और कई कीफ़्रेम प्राप्त किए।

कुछ कीफ़्रेम में ओपन एआई लोगो था, जिससे पता चलता है कि वीडियो ‘सोरा’ (सोरा ओपनएआई का वीडियो जेनरेशन मॉडल है, जिसे टेक्स्ट, इमेज और वीडियो इनपुट लेने और आउटपुट के रूप में एक नया वीडियो बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है) का उपयोग करके बनाया गया हो सकता है।

फिर हमने वीडियो को 20 सेकंड के वीडियो क्लिप में तोड़ा और HIVE मॉडरेशन के ज़रिए चलाया।

डिटेक्टर ने पाया कि वीडियो AI द्वारा जनरेट किया गया था।

निष्कर्ष: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आधिकारिक आवास बताकर शेयर किया जा रहा वीडियो AI द्वारा बनाया गया है। वायरल दावा झूठा है।

Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली में केजरीवाल के साथ क्यों आए अखिलेश यादव, क्या टूट जाएगी ‘यूपी के दो लड़कों’ की जोड़ी?

Akhilesh Yadav Arvind Kejriwal Delhi Election 2025: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुलकर आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव मैदान में उतरे। उन्होंने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए रोड शो तो किया ही, यह भी कहा कि दिल्ली में AAP की सरकार बन रही है।

अखिलेश यादव के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करने से सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या यूपी के दो लड़कों की जोड़ी अब टूट जाएगी? क्या ‘यूपी के दो लड़के’ बिछुड़ जाएंगे?

याद दिलाना होगा कि अखिलेश यादव और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और तब इसे यूपी के दो लड़कों की जोड़ी कहा गया था। हालांकि यह जोड़ी 2022 के विधानसभा चुनाव में टूट गई थी, जब कांग्रेस और सपा के बीच उत्तर प्रदेश में गठबंधन नहीं हो पाया था लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर से ‘यूपी के दो लड़के’ साथ आए थे और इसका फायदा इन दोनों राजनीतिक दलों को मिला था।

2019 के मुकाबले 2024 में सपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपने प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार किया था। गठबंधन में चुनाव लड़ते हुए सपा को 37 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली थी। इससे बीजेपी और एनडीए को बड़ा राजनीतिक नुकसान हुआ था।

लोकसभा चुनाव के बाद अखिलेश हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से कुछ सीटें चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें कोई सीट नहीं थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव महा विकास अघाड़ी के साथ मिलकर 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे। इसके लिए सपा की महाराष्ट्र इकाई ने कई बार कांग्रेस से गुहार लगाई थी लेकिन कांग्रेस तैयार नहीं हुई थी। तब अखिलेश यादव खुद महाराष्ट्र गए थे और कुछ सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार किया था। सपा ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था और दो सीटों पर जीत दर्ज की थी।

शायद हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में कांग्रेस के द्वारा हिस्सेदारी और भागीदारी न दिए जाने की टीस अखिलेश यादव के मन में जरूर है। अखिलेश को यह भी याद होगा कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें सीट बंटवारे में जगह नहीं दी थी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ‘अखिलेश-वखिलेश’ कहा था।

सबसे बड़ी बात यह है कि यह दोनों ही राजनीतिक दल- सपा और कांग्रेस इंडिया गठबंधन के प्रमुख दल हैं।

हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद बात जब दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार की आई तो सपा और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस खुलकर आम आदमी पार्टी के पक्ष में आ गए और यह निश्चित रूप से कांग्रेस के लिए बेहद अपमानजनक था।

लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए उत्तर प्रदेश में मिलकर चुनाव प्रचार किया था लेकिन बुधवार का दिन दिल्ली और हिंदुस्तान की सियासत में इसलिए याद रखा जाएगा क्योंकि अखिलेश यादव कांग्रेस को एक तरह से मुंह चिढ़ा रहे थे। दिल्ली में जब अखिलेश अरविंद केजरीवाल के साथ किराड़ी में रोड शो कर रहे थे तो वहां से कुछ किलोमीटर दूर ही बादली विधानसभा क्षेत्र में राहुल गांधी एक जनसभा में अरविंद केजरीवाल पर हमला बोल रहे थे।

क्या दिल्ली का चुनाव तय करेगा इंडिया गठबंधन का भविष्य? राहुल-केजरीवाल की लड़ाई क्यों है BJP के लिए खुशी की वजह

वैसे भी दिल्ली विधानसभा चुनाव ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की सियासी दोस्ती को दुश्मनी में बदल दिया है। बीते दिनों जब राहुल गांधी ने केजरीवाल की ईमानदारी, उनके कामकाज पर सवाल उठाए और शराब घोटाले को लेकर उन्हें कटघरे में खड़ा किया तो अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम ने भी राहुल को इसका जोरदार जवाब दिया। इससे पता चलता है कि इन दोनों नेताओं के बीच सियासी रिश्ते बेहद तल्ख हो चुके हैं।

अब हम फिर से अपने वही सवाल पर वापस आते हैं कि क्या दिल्ली के चुनाव नतीजों के बाद यूपी के दो लड़कों की जोड़ी टूट जाएगी?

सपा का दिल्ली की राजनीति में कोई आधार नहीं है। सपा का मुख्य आधार उत्तर प्रदेश में ही है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर अखिलेश अरविंद केजरीवाल के लिए कांग्रेस को नाराज करने के लिए क्यों तैयार हो गए? क्योंकि यह लगभग तय है कि वह 2027 की शुरुआत में होने वाला उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ ही मिलकर लड़ेंगे और उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी का कोई जनाधार नहीं है। इसके बाद भी अखिलेश यादव ने अगर यह कदम उठाया है तो निश्चित रूप से उन्होंने काफी सोच-समझकर ही ऐसा किया होगा।

फ्री की योजनाओं के सहारे दिल्ली की चुनावी लड़ाई लड़ रहे BJP-AAP और कांग्रेस, जनता के असल मुद्दों पर बात कब करेंगे?

टीवी चैनलों से लेकर सड़क-चौराहों तक होने वाली राजनीतिक बहसों में इसे लेकर भी चर्चा खूब होती है कि इंडिया गठबंधन में शामिल तमाम दल कांग्रेस को बहुत ज्यादा हिस्सेदारी नहीं देना चाहते। ऐसे दलों में समाजवादी पार्टी के अलावा, बिहार का राष्ट्रीय जनता दल, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस आदि शामिल हैं। ममता बनर्जी तो पश्चिम बंगाल के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन न करके अकेले ही चुनाव लड़ती रही हैं। शायद इन दलों को डर है कि कांग्रेस को ज्यादा हिस्सेदारी देने से राज्य में उनकी ताकत घट सकती है।

अब आते हैं दिल्ली पर। दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस शून्य पर आउट हुई है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उसके कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा हुआ था लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र की हार ने एक बार फिर पार्टी के कामकाज और उसके नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP के बजाय कांग्रेस को लेकर ज्यादा अलर्ट क्यों है AAP?

दिल्ली में चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच दिखाई दे रहा है। अगर कांग्रेस इस चुनाव में भी दिल्ली में खाता नहीं खोल पाई तो वह याद जरूर रखेगी कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस का साथ देने या दिल्ली के चुनाव से दूर रहने के बजाय अरविंद केजरीवाल का साथ दिया था। ऐसे में ‘यूपी के दो लड़के’ दिल्ली चुनाव के बाद क्या साथ रहेंगे और रहेंगे तो कितने ‘मन’ से रहेंगे, इसे लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

यहां क्लिक करके पढ़िए दिल्ली में बीजेपी, AAP, कांग्रेस ने किस जाति को दिए कितने टिकट।

Fact Check: गंगा में डुबकी लगाने वाला सांसद डिंपल यादव का वीडियो महाकुंभ का नहीं, वायरल दावा भ्रामक

विश्वास न्यूज: सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्हें घाट पर स्नान करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि डिंपल यादव महाकुंभ पहुंचीं और उन्होंने संगम स्नान किया।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो महाकुंभ का नहीं, बल्कि करीब दो साल पुराना है। जब डिंपल यादव पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की अस्थियों को विसर्जित करने के लिए हरिद्वार गई थी। उन्होंने उस दौरान गंगा स्नान किया था। 

फेसबुक यूजर ‘लोकेश न्यू’ ने 29 जनवरी 2025 को शेयर किया था। वीडियो के कैप्शन में लिखा हुआ है, “महाकुंभ 2025 में डिंपल यादव ने लगाई डुबकी।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट अमर उजाला की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 20 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनका परिवार अस्थियों को विसर्जित करने के लिए हरिद्वार गए थे। अखिलेश यादव ने हरिद्वार पहुंचकर चंडीघाट स्थित नमामि गंगे घाट (नीलधारा) पर पूजन किया और विधि-विधान से अस्थियों को विसर्जित किया। इसके बाद पूरे परिवार ने गंगा में डुबकी लगाकर मुलायम सिंह यादव की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की थी। इसी दौरान डिंपल यादव ने भी डुबकी लगाई थी।

प्राप्त जानकारी के आधार पर गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन न्यूज 18 डिबेट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो रिपोर्ट को 17 अक्टूबर 2022 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के अनुसार, वायरल वीडियो हरिद्वार का है और मुलायम सिंह यादव के अस्थि विसर्जन की पूजा का है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने हरिद्वार के रिपोर्टर दीपक प्रजापति से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो हरिद्वार में मुलायम सिंह यादव की अस्थि विसर्जन की पूजा का है। 

दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 26 जनवरी 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कुछ दिन पहले महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए प्रयागराज पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने 11 डुबकी लगाई थी।

अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर महाकुंभ से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि डिंपल यादव के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो महाकुंभ का नहीं, बल्कि करीब दो साल पुराना है, जब डिंपल यादव पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की अस्थियों को विसर्जित करने के लिए हरिद्वार गई थीं। उस दौरान उन्होंने गंगा स्नान किया था।

(यह फैक्ट-चेक मूल रूप से विश्वास न्यूज द्वारा किया गया है। यहां इसे शक्ति कलेक्टिव के सदस्य के रूप में पेश किया जा रहा है।)

https://www.vishvasnews.com/politics/fact-check-video-of-dimple-yadav-taking-a-dip-in-ganga-is-not-from-mahakumbh

Delhi Assembly Polls 2025: केजरीवाल के लिए कितना बड़ा झटका है 8 विधायकों का इस्तीफा, BJP-कांग्रेस इसका फायदा उठा पाएंगे?

Delhi AAP MLAs Resignation: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग से ठीक पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका तब लगा जब शुक्रवार को आठ विधायकों ने पार्टी को अलविदा कह दिया। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होनी है और उससे 5 दिन पहले एक के बाद एक धड़ाधड़ सात विधायकों का इस्तीफा निश्चित रूप से राष्ट्रीय राजधानी के चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकता है। इन विधायकों के इस्तीफा देने का कितना असर चुनाव नतीजों पर होगा, इस पर बात करने से पहले यह जान लीजिए कि ये विधायक कौन हैं और ये पिछली बार किस सीट से चुनाव जीते थे।

इन विधायकों में मादीपुर से गिरीश सोनी, पालम से भावना गौड़, कस्तूरबा नगर से मदनलाल, त्रिलोकपुरी से रोहित महरौलिया, जनकपुरी से राजेश ऋषि, महरौली से नरेश यादव, आदर्श नगर से पवन शर्मा और बिजवासन से भूपिंदर सिंह जून का नाम शामिल है। इससे पहले भी कई नेता बीते महीनों में पार्टी छोड़ चुके हैं और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल भी आम आदमी पार्टी के लिए सिरदर्द बन चुकी हैं।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए यह चुनाव काफी मुश्किल माना जा रहा है। पिछले दो चुनाव में दिल्ली की राजनीति में लगभग एकतरफा जीत दर्ज करने वाले केजरीवाल इस चुनाव में बीजेपी के ताबड़तोड़ हमलों से परेशान दिखाई देते हैं। न सिर्फ बीजेपी बल्कि कांग्रेस भी उन पर पुरजोर ढंग से हमलावर है और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के सीधे निशाने पर केजरीवाल हैं।

दिल्ली में केजरीवाल के साथ क्यों आए अखिलेश यादव, क्या टूट जाएगी ‘यूपी के दो लड़कों’ की जोड़ी?

बीजेपी और कांग्रेस के धारदार हमलों का अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री आतिशी, पार्टी के तमाम बड़े नेता और सोशल मीडिया की टीम लगातार जवाब दे रही है और इसी दौरान वे चुनाव आयोग से भी जोर-आजमाइश कर रहे हैं। कुल मिलाकर इस वजह से राष्ट्रीय राजधानी में चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है।

बीजेपी की ओर से चुनाव प्रचार की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संभाली हुई है। प्रधानमंत्री आम आदमी पार्टी की सरकार को आप-दा की सरकार बताते हुए 5 फरवरी को दिल्ली से इसकी विदाई करने की अपील कई बार चुनावी रैलियों के मंच से कर चुके हैं। इसके अलावा पूरी दिल्ली में लगे होर्डिंग्स के जरिए और सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के जरिए भी बीजेपी ने यही नारा दिया है- अब और नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे।

क्या दिल्ली का चुनाव तय करेगा इंडिया गठबंधन का भविष्य? राहुल-केजरीवाल की लड़ाई क्यों है BJP के लिए खुशी की वजह

आम आदमी पार्टी की दिल्ली की राजनीति के बारे में एक बात बिल्कुल साफ है कि अरविंद केजरीवाल ही यहां पार्टी के सबसे बड़े चेहरे हैं। 70 सीटों पर टिकट तय करना यानी कि किस सीट से कौन उम्मीदवार होगा, सरकार में कौन मंत्री होगा, किस मंत्री के पास क्या विभाग होंगे, संगठन कैसे काम करेगा, यह सब कुछ अरविंद केजरीवाल ही तय करते हैं। इसलिए इस बार भी 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव की तर्ज पर केजरीवाल ने ही उम्मीदवार तय किए।

अरविंद केजरीवाल इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि कथित आबकारी घोटाले को जिस तरह बीजेपी और फिर कांग्रेस ने मुद्दा बनाया, उनके सरकारी आवास ‘शीशमहल’ में हुए खर्च को मुद्दा बनाया गया, उससे इस बार के चुनाव में स्थिति पिछले दो चुनाव जैसी नहीं है। इसलिए इस चुनाव में उन्होंने बहुत समझदारी से, बहुत सतर्कता के साथ उम्मीदवारों का चयन किया और पिछले चुनावों में जीते कई नेताओं का टिकट काट दिया। इस्तीफा देने वाले यह सात विधायक भी टिकट कटने की वजह से नाराज थे।

चूंकि अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े चेहरे हैं इसलिए इन सभी नेताओं के विधायक बनने के पीछे केजरीवाल एक बड़ी वजह जरुर थे। इन सभी नेताओं को केजरीवाल ने ही टिकट दिया और जिताकर विधानसभा तक पहुंचाया।

फ्री की योजनाओं के सहारे दिल्ली की चुनावी लड़ाई लड़ रहे BJP-AAP और कांग्रेस, जनता के असल मुद्दों पर बात कब करेंगे?

वोटिंग से ठीक पहले सात विधायकों का इस्तीफा देना एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है और इन विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में जरूर इसका कुछ हद तक असर देखने को मिलेगा। लेकिन क्यों ये भी आपको बताते हैं।

भले ही इन नेताओं के विधानसभा पहुंचने में केजरीवाल का बड़ा रोल रहा हो लेकिन फिर भी एक विधायक का अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुछ ना कुछ असर जरूर होता है। इनमें से कुछ नेता तो दो बार विधायक रह चुके थे जबकि कस्तूरबा नगर से मदनलाल तीन बार विधायक का चुनाव जीत चुके थे। पालम से भावना गौड़, आदर्श नगर से पवन कुमार शर्मा, जनकपुरी से राजेश ऋषि, महरौली से नरेश यादव लगातार दो बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके थे। 10 साल तक किसी विधानसभा सीट से विधायक रहे नेता की जनता और समर्थकों के बीच पकड़ काफी मजबूत होती है।

चूंकि ये नेता लगातार जनता के बीच में सक्रिय रहे हैं और 2025 के चुनाव में उन्हें कहीं से भी यह उम्मीद नहीं थी कि पार्टी उनका टिकट काट देगी और वे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे ऐसे में इन विधायकों ने अपने कार्यकाल में जितने लोगों की मदद की, काम करवाए उनके बीच में इनका आधार जरूर होगा और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इनके इस्तीफा देने से इन सात निर्वाचन क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन पर असर जरूर पड़ेगा। क्योंकि इनके अधिकतर समर्थक शायद अब आम आदमी पार्टी को वोट नहीं देंगे और इससे चुनाव नतीजों पर असर पड़ सकता है।

याद दिलाना होगा कि इससे पहले दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री रहे कैलाश गहलोत पार्टी छोड़कर चले गए थे। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और एक वक्त में अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद लोगों में शुमार स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।

दिल्ली सरकार के एक और पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम पार्टी छोड़ चुके हैं और कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं। राजकुमार आनंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहते वक्त सरकार में मंत्री थे, वह बीजेपी के टिकट पर पटेल नगर से चुनाव लड़ रहे हैं। छतरपुर के विधायक करतार सिंह तंवर ने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ दिया।

इतने नेताओं के लगातार इस्तीफा देने को कोई छोटी घटना नहीं कहा जा सकता और इन सभी के निर्वाचन क्षेत्रों में निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी के लिए जीतना मुश्किल होगा।

साल 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर बीजेपी पूरी ताकत लगा रही है कि किसी भी तरह अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को इस बार दिल्ली में सरकार बनाने से रोका जाए। इसके लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व और दिल्ली इकाई सहित तमाम प्रदेशों के मुख्यमंत्री और बड़े नेता दिल्ली की गलियों की खाक छान रहे हैं। बीजेपी की कोशिश है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार को सत्ता से विदा किया जाए। इसके अलावा कांग्रेस भी कुछ सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ रही है।

अब सवाल इस बात का है कि विधायकों के इस्तीफे का बीजेपी और कांग्रेस कितना फायदा उठा पाती हैं। जिस तरह का जबरदस्त और आक्रामक चुनाव प्रचार बीजेपी और कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ किया हुआ है, उससे आम आदमी पार्टी की मुश्किलों में इजाफा हुआ है। राजनीति में हवा का रुख बदलते हुए देर नहीं लगती और 7 विधायकों का इस्तीफा सहित कई बड़े नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने के बाद केजरीवाल के लिए दिल्ली की सत्ता में वापसी करना चक्रव्यूह को भेदने जैसी चुनौती है। 8 फरवरी को पता चलेगा कि केजरीवाल इस चक्रव्यूह को भेद पाते हैं या नहीं?

ओखला में AAP के अमानतुल्लाह खान के लिए चुनौती बनेंगी कांग्रेस उम्मीदवार अरीबा। क्लिक कर पढ़िए।

Happy Basant Panchami 2025 Wishes Images, Quotes: वीणा वादिनी वर दे…बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

Happy Basant Panchami 2025 Hindi Wishes Images, Quotes, Status, Messages: बसंत पंचमी का त्योहार लोग बहुत हर्षोल्लास से मनाते हैं। प्रकृति का ये त्योहार पीले रंग से जुड़ा हुआ है। जहां खेतों में इस समय सरसों लहलहाती हैं वहीं लोग इस त्योहार पर माता सरस्वती की पूजा करते हैं। लोग पीले वस्त्रों को धारण करते हैं, पीले रंगों की रंगोली बनाते हैं, पीले फूलों से घर सजाते हैं, पीले पकवान बनाते हैं और फिर मां शारदा की पूजा करते हैं। तो इस त्योहार की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। अपनों के साथ शेयर करें ये संदेश, विशेज, फोटो और कोट्स।

नव गति नव लय ताल छंद नवनवल कंठ नव जलद मन्द्र रवनव नभ के नव विहग वृंद को,नव पर नव स्वर देवर दे, वीणावादिनि वर दे।

तू श्वेतवर्णी कमल पर विराजेहाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे,मन से हमारे मिटा दो अंधेरेउजालों का हमको संसार दे मांबसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

पीले-पीले सरसों के फूल, पीली उड़े पतंग,रंग बरसे पीला और छाए बसंत उमंग।हैप्पी बसंत पंचमी!

मिले मां सरस्वती का आशीर्वाद आपको हर दिन,हर वार,हो मुबारक आपको बसंत पंचमी का ये त्योहार।बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

वर दे, वर दे, वर दे, वीणा वादिनी वर देसाहस शील हृदय में भर दे, जीवन त्याग तपोमय कर दे,प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नवभारत में भर दे, वीणावादिनि वर दे

आगे जानते हैं Basant Panchami 2025 Rangoli Designs: सरस्वती पूजा के दिन बनाएं ये रंगोली डिजाइन, बसंत पंचमी पर खुश हो जाएंगी मां

पूरी रात सोने के बाद भी आती रहती है नींद? इन तरीकों से तुरंत ठीक हो जाएगा Sleep Disorders

Sleep Disorders Causes Diagnosis Treatments: नींद की समस्या से आज के समय कई लोग परेशान रहते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत कम ही लोग हैं, जो समय से सोते हैं और सुबह समय से जगते हैं। सही से नहीं सोने के कारण स्लीप डिसऑर्डर (Sleep Disorders) जैसी कई तरह की समस्या होने लगती है। नींद नहीं आने के कारणों में खराब लाइफस्टाइल, अपर्याप्त नींद, स्ट्रेस, नींद से जुड़ी बीमारियां का होना हो सकता है।

स्लीप डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए आप सबसे पहले हर रोज समय से सोने और जागने का टाइम फिक्स करें। वीकेंड हो या फिर किसी दूसरे तरह की छुट्टी आप हर रोज एक ही समय पर सोएं। इससे आपकी बॉडी क्लॉक बन जाएगी, जिससे आप रात में बेहतर तरीके से सो सकते हैं।

आज के समय कई लोग इनडोर काम करते हैं। सुबह से शाम तक ऑफिस में ही रहते हैं, जिसके कारण उन्हें धूप नहीं मिलती है और इसी के कारण शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। ऐसे में आपको समय-समय पर विटामिन डी की कमी हो जाती है। मालूम हो कि शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण शरीर में थकान, सुस्ती और दिनभर नींद आने जैसी समस्याएं होने लगती है। अगर आप भी इस तरह की समस्या से परेशान हैं तो आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

आप स्लीप डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए अपनी डेली लाइफ में कुछ समय के लिए एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं। आप सोने से करीब दो से तीन घंटे पहले आप भारी व्यायाम नहीं करें। आप सोने से पहले कोई रिलैक्सिंग एक्टिविटी कर सकते है। आप इस दौरान किताब पढ़ सकते हैं या फिर मेडिटेशन भी कर सकते हैं।

Happy Basant Panchami 2025 Wishes Images LIVE: मां सरस्वती करें सबका उद्धार…यहां से चुनें बसंत पंचमी के बेस्ट बधाई संदेश और तस्वीरें

Happy Basant Panchami 2025 Wishes Images, Quotes, Messages LIVE: बसंत पंचमी का त्योहार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है। देश के कई हिस्सों में बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस शुभ दिन पर लोग एक दूसरे को बधाई भी देते हैं। ऐसे में सरस्वती पूजा की आप सभी को बधाई। आप अपनों को भी यहां से चुनकर कुछ बेहतरीन बधाई संदेश भेज सकते हैं।

Happy Basant Panchami (Saraswati Puja) 2025 Wishes Images, Messages

Happy Basant Panchami Saraswati Puja 2025 Wishes, Images, Quotes, Status, Messages Live: यहां से चुनें बसंत पंचमी के बधाई संदेश-

सरस्वती पूजा का यह प्यारा त्योहार,

जीवन में खुशियां लाएगा अपार,

सरस्वती विराजें आपके द्वार,

शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार।

सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

ज्ञान का दीपक जलाएं, भजन और गीत गाएं।मां सरस्वती के आगमन का उत्सव मनाएं।

हैप्पी बसंत पंचमी

गूंजे वीणा का मधुर संगीत, हर मन में भर जाए नई प्रीत

ज्ञान का उजियारा फैले, हर दिल में नई उम्मीद।

बसंत पंचमी की बधाई

सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी,विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा।

बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

फूलों की वर्षा, शरद की फुहार,

सूरज की किरणें, खुशियों की बहार,

चंदन की खुशबू, अपनों का प्यार,

मुबारक हो आप सबको, बसंत पंचमी का त्योहार।

सरसों का रंग बसंत की पहचान, खुशियां फैलाए यही अरमान।

ज्ञान का दीप जले हर द्वार, ऐसी हो बसंत पंचमी इस बार।

शुभ बसंत पंचमी

बसंत का ये प्यारा त्योहार, जीवन में लाए खुशियों की बहार

ज्ञान की रोशनी से सजे हर घर, मां सरस्वती करें सबका उद्धार।

बसंत पंचमी की शुभकामनाएं

मां तू स्वर की है दाता,तू ही है वर्णों की ज्ञाता,तुझमें ही नवाते हम शीश,हे मां सरस्वती दे हमें अपना आशीष।

बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

मां सरस्वती की कृपा अर्जित करें,दुष्कर्मो को जीवन में वर्जित करें,बना रहे सदा आपस में प्यार और दुलार,आओ मिलकर मनाएं बसंत पंचमी का त्योहार।

बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!

वीणा लेकर हाथ में मां सरस्वती हो आपके साथ में,

मिले मां का आशीर्वाद हर दिन,

मुबारक हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन।

Basant Panchami Wishes In Hindi

पीले-पीले सरसों के फूल,

पीली उड़ी पतंग,

रंग बरसे पीले और छाए सरसों की उमंग,

जीवन में आपके रहे हमेशा बसंत के ये रंग.

आपके जीवन में बनी रहे खुशियों की तरंग,

हैप्पी बसंत पंचमी 2025

एकबार फिर आई बसंत,

फूलों पर रंग लाई बसंत,

बज रहे हैं जल तरंग,

दिल में हो उमंग, खुशियों के संग

बसंत पंचमी की शुभकामनाएं!

सरस्वती नमस्तुभ्यं,

वरदे कामरूपिणी,

विद्यारम्भं करिष्यामि,

सिद्धिर्भवतु मे सदा।

सरस्वती पूजा की हार्दिक बधाई!

तू श्वेतवर्णी कमल पर विराजे,

हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे,

मन से हमारे मिटा दो अंधेरे

उजालों का हमको संसार दे मां।

आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

जीवन का यह बसंत,आप सबको खुशियां दे अनंत,प्रेम और उत्साह का, भर दे जीवन में रंग,बसंत पंचमी की बधाई!

सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी,विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा।बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

जीवन का यह बसंत,आप सबको खुशियां दे अनंत,प्रेम और उत्साह का, भर दे जीवन में रंग,बसंत पंचमी की बधाई!

शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे।

सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात्॥

बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई!

Basant Panchami 2025 Wishes Images

मां सरस्वती की कृपा हो,

दुष्कर्मो को जीवन में वर्जित करें,

बना रहे सदा आपस में प्यार और दुलार,

आओ मिलकर मनाएं बसंत पंचमी का त्योहार।

आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

सरस्वती पूजा के इस धन्य दिन पर,आप हर्षित पीला वस्त्र पहनें और सरसों के खेतों की तरह खिलें;पतंग उड़ाने का आनंद लें और उनकी तरह आकाश में उड़ें।बसंत पंचमी की शुभकामनाएं!

लेकर मौसम की बहार आयाबसंत ऋतू का त्योहार आओ हम सब मिलके मनाएंदिल में भर के उमंग और प्यार,सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं!

मंदिर की घंटी,

आरती की थाली,

नदी के किनारे सूरज की लाली,

जिंदगी में आए खुशियों की बहार,

आपको मुबारक हो बसंत पंचमी का त्योहार।

बसंत पंचमी के दिन लोग पीले वस्त्रों को धारण करते हैं और मां सरस्वती की आराधना करते हैं। इस दिन मां सरस्वती को लोग पीले पकवान का भी भोग लगाते हैं। मालूम हो कि बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु का आधिकारिक तौर पर आगमन हो जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, इसी पवित्र तिथि को मां सरस्वती प्रकट हुई थीं।

666 Walking Rule के बारे में आप कितना जानते हैं? समझें वेट लॉस के लिए वॉकिंग का ये फॉर्मूला

666 Walking Rule: वॉक करना शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को तेज करने के साथ कैलोरी बर्न करने में मददगार है। इसके अलावा वॉक करने से शरीर की टॉनिंग के साथ मांसपेशियों में जमा फैट को कम करने में मदद मिलती है। लेकिन आजकल लोग वॉक करने के 666 नियम को फॉलो कर रहे हैं। पर सवाल ये है कि ये है क्या, इसे कैसे फॉलो करें और इसे करने के फायदे क्या-क्या हैं। आइए जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में।

6-6-6 चलने का नियम शारीरिक गतिविधि को बढ़ाने का एक सीधा तरीका है। यह चलने को छोटे-छोटे और मैनेज करने के तरीके हैं।-एक समय में 6 मिनट, दिन में 6 बार और प्रत्येक सप्ताह 6 दिन आपको इसे ही फॉलो करना है।-यह नियम लोगों के लिए बिना किसी परेशानी के अपने चलने की लाइफस्टाइल को सही करने के बारे में है।-इसमें लोग एक्सरसाइज को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर, चलने को शेड्यूल करते हैं। शामिल कर सके।

-सुबह के 6 बजे या शाम के 6 बजे का समय तय करें।-इसके बाद 6 दिन, 6 मिनट, 6 बार वॉक करें।-इसके पहले आप 6 बार वार्म अप एक्सरसाइज करें और 6 मिनट खुद को कूल डाउन करें।-इस प्रकार से आप इस वॉकिंग रूल को फॉलो करना है।

-666 तरीके के वॉक करने के फायदे कई हैं। जैसे कि इस प्रकार से वॉक करने से आपके शरीर में एक गति बनी रहेगी जिससे ब्लड सर्कुलेशन को तेज करने में मदद मिलती है।-इस तरह से वॉक करने से बॉडी की टोनिंग में मदद मिलती है।-इससे कैलोरी बर्न होती है और फिर मासंपेशियों से फैट कम होता है और फिर वेट लॉस में मदद मिलती है।-इसके अलावा ये थाइस के फैट को पचाने में मददगार है।-इतना ही नहीं ये गालों के आस-पास जमा फैट और फिर बैली एरिया के फैट को कम करने में मददगार है।

तो अबसे वॉक करने के इस नियम को फॉलो करें। आपको अपने लिए समय तय करना है और उसी हिसाब से आपको वॉक करना है। ऐसा करने से आप बेहतर महसूस करेंगे और फिर धीमे-धीमे ये आपकी लाइफस्टाइल का हिस्सा हो जाएगा। आगे जानते हैं बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने बताया क्यों छोड़ें प्याज-लहसुन, आप भी जानकर हो जाएंगे हैरान

Budget 2025: बजट के दौरान इस परिधान में नजर आईं निर्मला सीतारमण, साड़ी का बिहार से है खास कनेक्शन

Budget 2025 Nirmala Sitharaman Saree: वित्त मंत्री मोदी सरकार 3.0 का केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश कर रही हैं। वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण लगातार आठवीं बार बजट प्रस्तुत कर रही हैं। वहीं, केंद्रीय  बजट प्रस्तुत करने से पहले निर्मला सीतारमण एक खास तरह की साड़ी पहने नजर आईं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वित्त मंत्री ने बजट के दौरान किन-किन साड़ियों में नजर आई हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के बजट के दौरान बिहार की मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनी हैं। उन्हें मधुबनी कला और पद्म पुरस्कार विजेता दुलारी देवी द्वारा भेट की गई इस साड़ी को पहनी हैं। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रीम कलर की साड़ी पहनी है, जिसपर मधुबनी कला भी दिख रहा है। साड़ी पर लाल रंग का बॉर्डर भी है।

मालूम हो कि दुलारी देवी  साल 2021 की पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं। वित्त मंत्री कुछ समय पहले जब मधुबनी गईं थी इस दौरान उनकी मुलाकात दुलारी देवी से हुई। इस दौरान दुलारी देवी ने मधुबनी साड़ी भेंट की और इसी साड़ी को बजट के दौरान पहनने के लिए कहा था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार लगातार आठवीं बार आम बजट पेश करेंगी। हालांकि, इससे पहले वह लगातार सात बार अलग-अलग परिधानों में नजर आ चुकी हैं। इससे पहले वित्त मंत्री साल 2024 में एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में ऑफ-व्हाइट चेकर्ड हैंडलूम साड़ी में नजर आईं थी। उन्होंने इस साड़ी की मैचिंग के लिए गुलाबी रंग का ब्लाउज चुना था।

वित्त मंत्री सीतारमण ने फरवरी 2024 में मोदी 2.O का अंतरिम बजट पेश किया था। इस दौरान वह नीली साड़ी में नजर आई थीं। उन्होंने कंथा कारीगरी से सजी नीले रंग की टसल सिल्क साड़ी पहनी थीं। उन्होंने इस दौरान इस साड़ी को सुनहरे रंग के ब्लाउज के साथ मैच किया था। यह साड़ी बंगाल में काफी फेसम है।

साल 2023 में वित्त मंत्री ने गहरे लाल रंग की साड़ी पहन नजर आई थीं। उन्होने इस साड़ियों में काफी खूबसूरत भी नजर आई थीं। सीतारमण ने इस दौरान काले रंग की मंदिर की बॉर्डर वाली गहरे लाल रंग की साड़ी पहनी थी, जिस पर कसुती धागे से काम किया गया था।  

साल 2022 में बजट पेश करने के दौरान निर्मला सीतारमण ने ओडिशा की साड़ी पहनी नजर आईं थी। उन्होंने इस दौरान भूरे रंग की  बोमकाई साड़ी पहनी हुई थीं। 

वित्त मंत्री ने साल 2020 में चमकीले पीले-सुनहरे रंग की रेशमी साड़ी पहनी थी।

साल 2019 में निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट पेश किया था। उन्होंने बजट प्रस्तुत करने के लिए पिंक कलर की गुलाबी मंगलगिरी साड़ी पहनी थीं।