Uttarakhand Love Jihad Case: उत्तराखंड में एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की शादी के प्रस्ताव का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। प्रेमी जोड़े का आरोप है कि उन्हें बजरंग दल और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से धमकियां मिल रही हैं। उत्तराखंड में हाल ही में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुआ है। उत्तराखंड सरकार पहले ही लव जिहाद को लेकर कानून बना चुकी है।
मोहम्मद शानू (22) और आकांक्षा कंडारी (23) ने 7 जनवरी को उधम सिंह नगर जिले के सब डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के ऑफिस में एक नोटिस दिया था और कहा था कि वे शादी करना चाहते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो जाएगा। नोटिस में उन दोनों की व्यक्तिगत जानकारी भी शामिल थी।
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शानू उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर में एक सैलून चलाते हैं। शानू द इंडियन एक्सप्रेस को बताते हैं कि नोटिस देने के बाद उन्हें उनके परिवार ने बताया कि सोशल मीडिया पर लव जिहाद के कैप्शन के साथ उन दोनों की तस्वीर और प्राइवेट जानकारी वाली एक पोस्ट वायरल हो रही है। इससे पहले उत्तराखंड की हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर को आदेश दिया था कि इस प्रेमी जोड़े को पुलिस सुरक्षा दी जाए।
हाई कोर्ट के सामने अपनी याचिका में प्रेमी जोड़े ने कहा था कि वह शादी करना चाहते थे लेकिन आकांक्षा की मां और कुछ हिंदू संगठनों की धमकियों की वजह से ऐसा नहीं कर सके। हाई कोर्ट ने बाजपुर पुलिस से कहा था कि वह प्रेमी जोड़े को 6 हफ्ते की सुरक्षा दें।
इस प्रेमी जोड़े का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें बजरंग दल और कुछ अन्य दक्षिणपंथी संगठनों का विरोध झेलना पड़ रहा है।
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शादी के लिए नोटिस दिए जाने के बाद 30 जनवरी को बजरंग दल के कार्यकर्ता आकांक्षा की मां के साथ स्थानीय एसडीएम ऑफिस में गए और उन्होंने इसका खुलकर विरोध किया। कंडारी की मां रीना देवी ने एसडीएम को लिखे पत्र में कहा कि शादी के लिए दिए गए नोटिस की जांच की जाए और तब तक शानू को हिरासत में रखा जाए। आकांक्षा की मां ने कहा कि मोहम्मद शानू ने लव जिहाद के तहत उनकी बेटी को बहकाया है।
मोहम्मद शानू ने बताया कि आकांक्षा ने एसडीएम के सामने गवाही दी थी कि वह अपनी इच्छा से उससे शादी कर रही है। दोनों की मुलाकात 2018 में फेसबुक के जरिए हुई थी और 2022 में पहली बार मिले थे। शानू ने बताया कि आकांक्षा की मां और भाई शुरू में इस रिश्ते से खुश नहीं थे लेकिन बाद में वे मान गए थे लेकिन बजरंग दल को इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने आकांक्षा की मां पर दबाव बना दिया।
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इस प्रेमी जोड़े के वकील राहुल अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में कई अंतरजातीय और अंतरधार्मिक प्रेमी जोड़ों ने सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि ऐसी शादियों के मामलों में काफी राजनीति होती है और कई तरह के संगठन इन मामलों में शामिल हो जाते हैं। इस पूरे विवाद का असर मोहम्मद शानू की दुकान पर भी पड़ा है। शानू बताते हैं कि वह पहले रात 10 बजे तक काम करते थे और शाम को सैलून में आते थे लेकिन अब डर के चलते वह अपनी दुकान 6 बजे ही बंद कर देते हैं।
उधम सिंह नगर की बजरंग दल इकाई के प्रमुख यशपाल राजहंस ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर कहा कि उनके संगठन के कार्यकर्ताओं ने आकांक्षा को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह शानू से शादी करने के फैसले पर डटी रही। यशपाल राजहंस ने कहा कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद लव जिहाद को रोकने के लिए खड़े हैं और सभी को अपनी बहनों और बेटियों को उन लोगों से बचाना चाहिए जो नाम बदलकर गुमराह करते हैं।
समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद उत्तराखंड में पहला लिव-इन रिलेशनशिप रजिस्टर, 5 आवेदनों को मंजूरी का इंतजार
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू होने के बाद से ही जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा है, वह लिव इन रिलेशनशिप के मामलों को लेकर है। इसे लेकर पहला मामला रजिस्टर हो गया है। इसके अलावा सरकार को 5 और आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसकी अधिकारी जांच कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार पहले ही लव जिहाद को लेकर कानून बना चुकी है।
बताना होगा कि उत्तराखंड की धामी सरकार ने यूसीसी को लेकर जो नियम बनाए हैं उनमें लिव इन में रहने वाले कपल्स को रजिस्ट्रेशन के लिए 16 पेज का फॉर्म भरना होगा। किसी पुजारी से एक प्रमाण पत्र भी लेना होगा जिसमें लिखा होगा कि प्रेमी जोड़ा यदि चाहे तो विवाह करने के योग्य है। अगर कोई कपल लिवइन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है तो उसे 6 महीने की जेल हो सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि यूसीसी किसी धर्म या वर्ग के खिलाफ नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य सभी को समान अधिकार प्रदान करना है।
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