Maharashtra Politics: फडणवीस और शिंदे के बीच बढ़ रहा गतिरोध? संजय राउत बोले- अभी भी कुर्सी जाने का गम मना रहे एकनाथ; देवेंद्र कर रहे पलटवार

Maharashtra Politics News: शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में कहा है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच रिश्ते खराब हो गए हैं और तनाव बढ़ गया है। इस वजह से महाराष्ट्र के विकास में बाधा आ रही है। सामना में साप्ताहिक कॉलम में संजय राउत ने कहा कि हर दिन हम ऐसी परिस्थितियां देख रहे हैं, जहां यह बिल्कुल स्पष्ट हो जाता है कि देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच अब कोई वास्तविक संवाद नहीं है।

संजय राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा में बड़ी जीत हासिल करने के बाद महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे का रोल घट गया है। उन्होंने कहा कि शिंदे अक्सर महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठकों से गायब रहते हैं और जब वे आते भी हैं तो काफी देर से आते हैं। 30 जनवरी को वे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग कमेटी की मीटिंग में ढाई घंटे देरी से पहुंचे।

उन्होंने दावा किया कि हाल ही में एक विमान यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात शिंदे सेना के एक विधायक से हुई। विधायक के साथ हुई बातचीत के आधार पर उन्होंने कहा, “शिंदे अपने साथ हुए अपमान से बाहर आने को तैयार नहीं हैं। वे अभी भी सीएम की कुर्सी जाने का गम मना रहे हैं। अपने ढाई साल के कार्यकाल में शिंदे और फडणवीस अलग-अलग दिशाओं में देखते रहे। अब फडणवीस पलटवार कर रहे हैं। शिंदे के हाथ में अब कुछ नहीं बचा है।”

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संजय राउत ने आगे कहा कि अमित शाह ने चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे को सीएम पद देने का वादा किया था लेकिन वह इसी निभा नहीं पाए। उन्होंने कहा, “विधायक ने कहा कि शिंदे से कहा गया था कि विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा और उन्हें फिर से सीएम बनाया जाएगा। अमोत शाह ने शिंदे से कहा था कि वे धनबल का इस्तेमाल करें। एकनाथ शिंदे ने चुनाव में खूब पैसा लगाया, लेकिन अमित शाह ने अपना वादा पूरा नहीं किया। एकनाथ शिंदे अब मानते हैं कि उनके साथ धोखा किया है।”

रविवार सुबह मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने कहा कि चुनावों के बाद शिंदे को कुछ मंत्री पद दिए गए और फिर उन्हें किनारे कर दिया गया। एकनाथ शिंदे के बॉडी लैंग्वेज से पता चलता है कि वह पूरी तरह से हिल चुके हैं। वह अभी भी उस सदमे से उबर नहीं पाए हैं, जब उन्हें सीएम की कुर्सी देने का वादा किया गया था और फिर उसे नकार दिया गया।”

बीजेपी और शिवसेना के बीच कथित विवाद पर बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि बीजेपी के मंत्री गणेश नाइक ने एकनाथ शिंदे के ठाणे जिले में ‘जनता दरबार’ आयोजित करने के प्लान का ऐलान किया है। इसके जवाब में, शिंदे के समर्थकों ने नाइक के पालघर जिले में ‘जनता दरबार’ आयोजित करने की धमकी दी है। यह महायुति के भीतर चल रही अंदरूनी कलह को दर्शाता है।

संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे सेना के कुछ विधायक वापस लौटना चाहते हैं लेकिन केंद्रीय एजेंसियों के एक्शन के डर से वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे अब सुरक्षित नेता नहीं रहे। यहां तक ​​कि बीजेपी भी उनके खिलाफ काम कर रही थी। उनके कुछ विधायक बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं, कुछ हमारी सेना में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन केंद्रीय एजेंसियों के डर से वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।

एक तरफ जहां संजय राउत ने अपने कॉलम में एकनाथ शिंदे के खिलाफ बातें लिखीं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने अजित पवार की जमकर तारीफ की। संजय राउत ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “अजित पवार का फडणवीस के साथ अच्छा तालमेल है। उन्हें अपनी सीमाएं पता हैं। अजित पवार ने बीजेपी से हाथ मिलाकर चालाकी वाली चाल चली…अब अजित पवार आरामदायक और फायदे वाली स्थिति में हैं।”

हालांकि शिंदे सेना और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने संजय राउत के दावों को फर्जी करार दिया है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि सामना का उद्देश्य किसी की आलोचना करना या बुरा-भला कहना है। इसमें कोई नैतिकता नहीं है और इसीलिए हम इस बात की परवाह नहीं करते कि अखबार क्या लिखता है। वहीं बीजेपी के मंत्री नीलेश राणे ने कहा कि हम यह भी जानते हैं कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी वापस पाने के लिए क्या-क्या काला जादू किया था… हम यह भी महाराष्ट्र की जनता को बताएंगे।

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Ghaziabad News: DPS की स्कूल बस के चालक की बड़ी लापरवाही, बच्ची को दूर तक घसीटा, हालत नाजुक

Ghaziabad School Bus Accident: इंदिरापुरम के नीतिखंड-2 इलाके में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। इसमें नौ साल की बच्ची आफरीन गंभीर रूप से घायल हो गई। आफरीन यहां झुग्गी बस्ती में रहती है। वह 27 जनवरी को शाम 3 बजे दुकान से चिप्स और चॉकलेट खरीदकर घर लौट रही थी लेकिन तभी दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) इंदिरापुरम की बस ने उसे टक्कर मार दी।

अमर उजाला के गाजियाबाद संस्करण में छपी खबर के मुताबिक, आफरीन के पिता अफसर ने बताया कि उनकी बेटी सड़क किनारे डिवाइडर के पास खड़ी थी ताकि बस के जाने के बाद वह सड़क पार कर सके। लेकिन बस चालक ने लापरवाही करते हुए बच्ची को टक्कर मार दी। टक्कर लगने के बाद आफरीन बस के पिछले पहिए में फंस गई और करीब 20 मीटर तक बस उसे घसीटती हुई चली गई। स्थानीय लोगों ने शोर मचाया और दौड़कर बस को रोकने की कोशिश की लेकिन बस चालक मौके से फरार हो गया।

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परिजन और स्थानीय लोग आफरीन को एक प्राइवेट अस्पताल ले गए लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए उसे दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल रेफर कर दिया गया। पिता अफसर ने बताया कि हादसे के बाद उनकी बेटी के दाएं पैर में गहरी चोट आई, जिसके कारण खून बहुत बह गया। डॉक्टरों ने एक ही दिन में दो ऑपरेशन किए लेकिन बच्ची की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण डॉक्टर ब्रेन सर्जरी करने पर भी विचार कर रहे हैं।

परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने पांच दिन बाद 1 फरवरी को मामला दर्ज किया। स्थानीय लोगों और परिवार वालों ने प्रशासन से दोषी बस चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

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एसीपी इंदिरापुरम ने कहा कि बस को कब्जे में ले लिया गया है। चालक को भी जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाल रही है। डीपीएस स्कूल के मैनेजमेंट का कहना है स्कूल बस कांट्रेक्ट के तहत चलाई जा रही है। इस मामले में जिस ट्रैवल कंपनी की बस है, उससे संपर्क किया गया है। बच्ची के इलाज का खर्च ट्रैवल कंपनी की तरफ से दिए जाने को लेकर बात की गई है।

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CM सैनी के बाद हरियाणा BJP अध्यक्ष बड़ौली पर फायर हुए अनिल विज, बोले- आडवाणी से बड़े तो नहीं हैं, छोड़ दें पद

Anil Vij Mohan Lal Badoli Remark: हरियाणा की राजनीति में बेहद चर्चित नाम और नायब सिंह सैनी सरकार में मंत्री अनिल विज ने अपनी सरकार के बाद अब संगठन के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ तीखे बोल बोलने वाले अनिल विज ने अब प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर हमला किया है।

अनिल विज ने कहा है कि बड़ौली को प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ देना चाहिए। बताना होगा कि बड़ौली पर दुष्कर्म के आरोप लगे हैं।

अनिल विज ने रविवार को गोहाना में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि मोहनलाल बड़ौली पर धारा 376डी (गैंगरेप) के तहत आरोप हैं। ऐसे में वह महिलाओं की बैठक नहीं ले सकते। विज ने कहा कि हमारे बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी पर किसी ने डायरी में नाम आने का आरोप लगाया था तो उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था और बड़ौली आडवाणी से बड़े तो नहीं हैं।

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अपने अलग अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले विज ने कहा कि पार्टी की पवित्रता और पार्टी के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए बड़ौली को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

बीते कुछ दिनों में अनिल विज एक बार फिर नए तेवरों के साथ सामने आए हैं। हरियाणा में परिवहन, ऊर्जा और श्रम जैसे बड़े मंत्रालय को संभाल रहे अनिल विज ने पत्रकारों से बातचीत में साफ कहा कि उनका मंत्री पद तो छीना जा सकता है, लेकिन निर्वाचित विधायक का पद नहीं छीना जा सकता। उन्होंने कहा, “अगर वे इसे (मंत्रालय को) छीनना चाहते हैं, तो छीन सकते हैं। मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है।”

अनिल विज ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मंत्रियों की बात सुनें और सरकार को ढंग से चलाएं। विज ने साफ तौर पर कहा कि वह ना चुप बैठे हैं और ना चुप बैठेंगे, जो गलत है उसे ठीक करेंगे।

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अंबाला सीट से विधायक विज ने इससे पहले कहा था, “हमारे मुख्यमंत्री कभी भी अपने रथ से नीचे नहीं उतरते। जिस दिन से वे सीएम बने हैं, वे हवा में ही रहते हैं। अगर वे नीचे उतरते तो जनता की पीड़ा सुनते। यह सिर्फ़ मेरी आवाज़ नहीं है, यह सभी विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की आवाज है।”

अनिल विज ने आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने उन्हें हराने की कोशिश की और यहां तक ​​कि उन पर हमला भी करवाया। विज ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उस शख्स के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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अनिल विज हरियाणा की राजनीति के बड़े नेता हैं। वह सात बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। अनिल विज आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से होते हुए राजनीति में आए थे। वह हरियाणा बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और यहां तक कि अंबाला कैंट सीट से निर्दलीय चुनाव भी जीत चुके हैं। देखना होगा कि पार्टी अनिल विज के बागी तेवरों को कैसे शांत कर पाएगी?

फतेहपुर में दो ट्रेनें आपस में टकराईं, लोको पायलट समेत दो रेलवे अधिकारी घायल, कांग्रेस ने रेल मंत्री की ली चुटकी

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के पांभीपुर के पास खड़ी एक मालगाड़ी को पीछे से दूसरी मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। गार्ड कोच और इंजन पटरी से उतर गये। इस दुर्घटना के कारण अप लाइन बाधित हुई है। हादसे में लोको पायलट समेत दो रेलवे अधिकारियों को चोट लगी है। इस हादसे के बाद रेलवे के कई बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। ये दुर्घटना फतेहपुर के खागा कोतवाली के अंतर्गत हुई है।

बीते 26 जनवरी को पश्चिम बंगाल के हाबड़ा में दो ट्रेनें आपस में भीड़ गई थीं। इस हादसे के दौरान तिरुपति-शालीमार एक्सप्रेस के दो डिब्बे और पार्सल ट्रेन का एक डिब्बा पटरी से उतर गया। हालांकि गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जान-माल की छती नहीं हुई। इसके वजह से कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया था।

बीते दिनों महाराष्ट्र के जलगांव में बड़ा रेल हादसा हुआ था। इस रेल हादसे में करीब 10 लोगों की मौत हुई थी। इस हादसे में पुष्पक एक्सप्रेस के यात्रियों को कर्नाटक एक्सप्रेस ने टक्कर मार दी थी। जानकारी के अनुसार ये दुर्घटना पुष्पक एक्सप्रेस में आग को लेकर फैली अफवाह की वजह से हुई थी। आग की अफवाह की वजह से ट्रेन में बैठे यात्री बाहर कूदने लगे। इसी दौरान कर्नाटक एक्सप्रेस आ गई। जिसके वजह से ये हादसा हुआ। इस हादसे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया था।

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इस रेल हादसे को लेकर कांग्रेस ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर निशाना साधा है। कांग्रेस पार्टी के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से पोस्ट करते हुए कहा गया है, ”रील मंत्री जी, फिर एक बार ‘छोटी घटना’ हो गई है, क्या आप कुछ कहना चाहेंगे?”

Delhi Elections 2025 Yamuna Issue: ‘केजरीवाल की वजह से नाला बन गई यमुना, 7500 करोड़ रुपये कहां गए…’ स्वाति मालीवाल का जबरदस्त हमला

Arvind Kejriwal Criticism Yamuna River Issue:आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने मतदान से ठीक पहले एक बार फिर पार्टी के मुख्य संयोजक अरविंद केजरीवाल को घेरने की कोशिश की है। स्वाति मालीवाल सोमवार को पूर्वांचल समाज की महिलाओं के साथ दिल्ली में यमुना के घाट पर पहुंचीं और उन्होंने यमुना की बदतर हालात के लिए केजरीवाल को दोषी ठहराया। बता दें कि दिल्ली में वोटिंग का वक्त बिलकुल नजदीक है। यहां 5 फरवरी को वोटिंग होनी है।

बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने यमुना की सफाई को दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाया है और इसकी खराब हालत के लिए अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया है।

स्वाति मालीवाल ने न्यूज़ एजेंसी ANI से कहा, ‘यमुना नदी हमारी मां है और अरविंद केजरीवाल की वजह से यह सीधे-सीधे नाला बन चुकी है। मैं यहां पूर्वांचली महिलाओं के साथ आई हूं। यमुना की हालत बेहद खराब है और यहां इतनी बदबू आ रही है कि खड़े होना भी मुश्किल है।’ स्वाति मालीवाल महिलाओं के समूह के साथ केजरीवाल के आवास पर भी पहुंचीं और प्रदर्शन किया लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। 

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आम आदमी पार्टी की सांसद ने कहा कि हम यहां से अरविंद केजरीवाल के घर जाएंगे और उनसे सवाल पूछेंगे कि यमुना की सफाई में जो 7500 करोड़ रुपए लगे, वे कहां गए। स्वाति मालीवाल ने सवाल उठाया कि पूर्वांचल की महिलाएं जानना चाहती हैं कि वे छठ पूजा कहां करेंगी?

#WATCH | #DelhiElections2025 | Rajya Sabha MP Swati Maliwal says, “… Yamuna river has transformed into a drain because of Arvind Kejriwal. I have come here with thousands of Purvanchali women and the situation here is so bad that the stench has made it difficult for us to stand… https://t.co/bvstG5IAQK pic.twitter.com/I7mZyDI2Ds

स्वाति ने कहा कि यमुना नदी वेंटिलेटर पर है लेकिन अरविंद केजरीवाल बहुत बड़े आदमी बन गए हैं, शीशमहल में रहते हैं और वह अभी तक इसकी सुध लेने नहीं आए। उनके साथ आई महिलाओं ने हाथ में पोस्टर लिया हुआ था, जिसमें लिखा था- केजरीवाल, मां यमुना क्यों मैली हैं?

कुछ दिन पहले स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर पहुंचकर कचरा फेंक दिया था और कहा था कि केजरीवाल सुधर जाएं वरना जनता उन्हें सुधार देगी। पुलिस ने इस दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया था। इससे पहले स्वाति मालीवाल ने यमुना नदी से एक बोतल पानी भरा और इसे मीडिया को दिखाया। राज्यसभा सांसद ने कहा कि अरविंद केजरीवाल बनने चले थे यमुना का लाल और बनकर रह गए शराब के दलाल।

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बताना होगा कि स्वाति मालीवाल एक वक्त में अरविंद कजरेवाल के बेहद नजदीकी लोगों में शुमार थीं लेकिन पिछले साल केजरीवाल के सरकारी आवास पर हुए कथित मारपीट प्रकरण के बाद से उन्होंने पार्टी और अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया हुआ है। पिछले कुछ महीनो में उन्होंने दिल्ली के अस्पतालों का अचानक दौरा करके वहां के हालात लोगों को दिखाए हैं। सवाल यह है कि क्या उनके द्वारा केजरीवाल पर किए जा रहे हमलों की वजह से आम आदमी पार्टी को दिल्ली के विधानसभा चुनाव में सियासी नुकसान हो सकता है?

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Maha Kumbh 2025: भगदड़ में घायल युवक ने योगी से कही ऐसी बात कि वायरल हो गया वीडियो, CM बोले- हिम्मत से काम लो

Maha Kumbh 2025 News: महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना को लेकर विपक्ष दलों ने नेता लगातार यूपी की आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोल रहे हैं। विपक्षी नेताओं का दावा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार मौत का वास्तविक आंकड़ा छिपा रही है। योगी सरकार के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर मची भगदड़ में तीस लोगों की मौत हो गई। इस घटना में 60 लोगों के घायल होने की जानकारी भी दी गई थी।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे के बाद एक फरवरी को अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की थी। इस दौरान सीएम योगी ने प्रशासन के लोगों को सभी घायलों का समुचित इलाज करवाने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने घायलों से बातचीत में कहा कि यूपी सरकार को सभी श्रद्धालुओं की चिंता है। किसी भी घायल के इलाज और अन्य व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।

योगी आदित्यनाथ के बीते शनिवार को हुए SRN अस्पताल दौरे का एक वीडियो इंटरनेट पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सीएम योगी पीड़ितों से मुलाकात करते हुए एक युवक के बेड तक पहुंचते हैं। युवक सीएम योगी आदित्यनाथ को बताता है कि वह चित्रकूट के राजापुर से है। उसके पैर में फ्रैक्चर है। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ डॉक्टरों से युवक के उपचार को लेकर अपडेट लेते हैं।

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वीडियो में बेड पर लेटा हुए युवक सीएम योगी आदित्यनाथ से कहता है, “आपकी सर, व्यवस्था हमें बहुत अच्छी लगी, आपसे हमें कोई दिक्कत नहीं है। अगर जान भी चली जाती तो कोई दिक्कत नहीं थी।” इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं, “अरे, हिम्मत से काम लो।”

घायल युवक आगे कहता है, “आप कम से कम सनातन संस्कृति को आगे तो बढ़ा रहे हैं सर… आप सर, हमारे आइकॉन हैं सर…”

महाकुंभ भगदड़ में घायल श्रद्धालुओं का सीएम योगी ने प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में जाकर उनका हाल-चाल जाना#MahakumbhStampede pic.twitter.com/xj88EqDyel

इसके बाद सीएम योगी एक बार फिर दोहराते हैं, “हिम्मत से काम लीजिए…”, जिसपर युवक कहता है कि सर, आप हैं तो हिम्मत है।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ पर बीजेपी की मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने बयान दिया है। हेमा मालिनी ने कहा, “हम कुंभ गए थे, हमने बहुत बढ़िया स्नान किया। यह सही है कि एक घटना हुई, लेकिन यह बहुत बड़ी घटना नहीं थी। मुझे नहीं पता कि यह कितनी बड़ी थी। इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुंभ में बहुत अच्छी व्यवस्था है और सब कुछ बहुत अच्छे से किया गया है। इतने सारे लोग आ रहे हैं, इसे मैनेज करना बहुत मुश्किल है लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।

महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर सपा प्रमुख योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि सरकार को घटना का समय पता है। उन्होंने कहा कि कल्पना करें कि अगर घटना रात 1 बजे हुई होती और एंबुलेंस 11 बजे तक आती रहीं तो मृतकों की संख्या कितनी होती। अखिलेश ने कहा कि कई श्रद्धालु पवित्र डुबकी भी नहीं लगा पाए, उन्हें वापस लौटना पड़ा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने 100 करोड़ लोगों के लिए व्यवस्था की है। अब वे कह रहे हैं कि साजिश है, जो अधिकारी कह रहे हैं कि साजिश है, उन्हें केंद्र सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।

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Maha Kumbh 2025: ‘इतने लोग आ रहे हैं कि इसे मैनेज करना बहुत कठिन है…’, हेमा मालिनी बोलीं- हादसा कितना बड़ा मुझे नहीं मालूम

Maha Kumbh News: मथुरा से बीजेपी की सांसद और बॉलीवुड कलाकार हेमा मालिनी ने महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि महाकुंभ 2025 इतने लोग आ रहे हैं कि मैनेज करना मुश्किल है लेकिन फिर भी योगी सरकार अपना बेस्ट कर रही है।

उन्होंने भगदड़ की घटना में वास्तविक मौतों के आंकड़े से जुड़े सवाल पर कहा, “हम कुंभ में गए थे, हमने बहुत अच्छा स्नान किया… बहुत अच्छा सब कुछ हुआ… ये घटना घटी जो सही बात है लेकिन इतना बड़ा कुछ नहीं हुआ… हुआ था लेकिन वो कितना बड़ा है, क्या है… वो मुझे नहीं मालूम है… लेकिन ये बहुत अच्छी तरह से मैनेज किया गया है। हर चीज बहुत अच्छे से हो रही है। घटना को बड़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है।”

इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव के महाकुंभ में ‘सेना लगाने वाले’ बयान पर रिएक्ट करते हुए हेमा मालिनी कहती हैं कि यूपी सरकार बहुत अच्छा संभाल रही है। व्यवस्था बहुत अच्छी है। इतने लोग आ रहे हैं कि इसे मैनेज करना बहुत कठिन है लेकिन फिर भी हम बेस्ट कर रहे हैं।

#WATCH | Delhi: BJP MP Hema Malini says “…We went to Kumbh, we had a very nice bath. It is right that an incident took place, but it was not a very big incident. I don’t know how big it was. It is being exaggerated…It was very well-managed, and everything was done very… pic.twitter.com/qIuEZ045Um

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राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता टीका राम जूली ने कहा कि कांग्रेस नहीं पूरे देश की जनता सवाल उठा रही है। कोई हादसा हुआ है तो उसकी जिम्मेदारी ली जाए। सरकार को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए, हम फांसी चढ़ाने के लिए थोड़ी कर रहे हैं। विपक्ष को संविधान के अंदर शक्तियां मिली हैं। पीड़ित परिवारों की मदद की जानी चाहिए।

अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए कहा कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और वहां विभिन्न व्यवस्थाएं सेना के हवाले की जाएं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे तथा घायलों के इलाज, भोजन, परिवहन आदि का आंकड़ा संसद में पेश किया जाए।

सपा प्रमुख ने कहा, “जिन्होंने सच छिपाया, उन्हें दंडित किया जाए। अगर (सरकार को) अपराध बोध नहीं है तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्यों गए। आंकड़े छिपाने के लिए मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। जहां इंतजाम होना चाहिए था, वहां प्रचार हो रहा था। धार्मिक समागम में सरकार का प्रचार निंदनीय है।” अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि “डिजिटल कुंभ कराने का दावा करने वाले मृतकों की डिजिट नहीं दे पा रहे।”

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Abhay Chudasama Resignation: गुजरात के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अभय चुडासमा ने क्यों दिया इस्तीफा? सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में गए थे जेल

Abhay Chudasama News: गुजरात के सीनियर आईपीएस अफसर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अभय चुड़ास्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अभय चुड़ास्मा का रिटायरमेंट अक्टूबर, 2025 में था लेकिन 8 महीने पहले ही उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, इसे लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। अभय चुडासमा गांधीनगर में करई पुलिस ट्रेनिंग एकेडमी में प्रिंसिपल के पद पर थे और एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस की रैंक उनके पास थी।

अभय चुडासमा 1999 बैच के आईपीएस अफसर हैं और सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में सीबीआई जांच के दौरान उनका नाम काफी चर्चा में आया था।

चुडासमा को 2010 में सीबीआई ने गिरफ्तार भी किया था और 4 साल तक चली लंबी जांच के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने भी उन्हें नौकरी पर बहाल कर दिया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में जेल भी जाना पड़ा था और उन्हें कुछ वक्त के लिए गुजरात से बाहर भी रहना पड़ा था। सोहराबुद्दीन की मौत को गुजरात पुलिस के तत्कालीन डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल डीजी वंजारा ने एनकाउंटर करार दिया था। इसके कुछ महीनों बाद ही सोहराबुद्दीन के साथी रहे तुलसी प्रजापति का भी एनकाउंटर कर दिया गया था।

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सीबीआई ने आरोप लगाया था कि चुडासमा ने सोहराबुद्दीन शेख के एनकाउंटर की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। आरोप था कि उन्होंने मामले के अहम गवाहों को भी धमकाया था। गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी के संबंध पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से थे।

साल 2023 में अभय चुडासमा को करई पुलिस एकेडमी में भेजा गया था। पिछले साल ही उन्हें एडीजीपी की रैंक पर प्रमोशन दिया गया था। पिछले साल अभय चुडासमा ने कई कार्यक्रमों में भाग लिया था और तब इस तरह की अटकलें लगाई जा रही थी कि वह अब राजनीति में आएंगे हालांकि उन्होंने राजनीति में आने से इनकार किया था।

अभय ने रिटायर होने से पहले ही इस्तीफा क्यों दे दिया, इसे लेकर अभी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। अभय चुडासमा की गिनती गुजरात पुलिस के शक्तिशाली पुलिस अफसरों में होती है। उन्होंने 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल बम धमाकों की जांच की थी।

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प्रयागराज में पुलिस और वकीलों में झड़प, सीएम योगी के दौरे के बीच अधिवक्ता की पिटाई पर बवाल, दारोगा निलंबित

Prayagraj News: प्रयागराज में महाकुंभ मंगलवार सीएम योगी के दौरे के बीच पुलिस और वकीलों के बीच झड़प हो गई। हिंदू हॉस्टल के पास सीएम योगी के लिए लगाए गए बैरिकेट पर एक वकील को रोकने पर विवाद शुरू हुआ। इस दौरान चौकी प्रभारी दारोगा और सिपाहियों ने एक वकील को पीट दिया। इससे अन्य वकीलों गुस्सा गए।

इसके बाद कुछ ही देर में बढ़ी संख्या में वकील मौके पर पहुंचे। वकीलों ने पास की सड़क पर खुद से बैरिकेडिंग लगाते हुए चक्काजाम की कोशिश की और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

जानकारी मिलते ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और वकीलों को समझाने की कोशिश की। वकीलों की मांग पर तत्काल नाका चौकी प्रभारी अतुल कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया। मामले की जांच का आदेश भी दे दिया गया है। एक्शन के बाद किसी तरह वकील शांत हुए और पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार की सुबह भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक के साथ प्रयागराज पहुंचे थे। जिस वक्त सीएम योगी सर्किट हाउस से निकलने की तैयारी कर रहे थे। उसी समय रास्ते के सभी चौराहों को बैरिकेट कर यातायात रोका जाने लगा। यह समय वकीलों के लिए कोर्ट जाने का भी था।

हिंदू हॉस्टल चौराहे पर एक वकील ने बैरिकेट को पार करने की कोशिश की तो मौके पर मौजूद नाका चौकी प्रभारी अतुल कुमार सिंह से बहस हो गई। बहस के बीच दारोगा ने वकील को पीटना शुरू कर दिया। दारोगा के साथ मौजूद सिपाहियों ने भी वकील पर हाथ आजमाया।

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हाई कोर्ट वाले शहर में एक वकील की इस तरह से चौराहे पर पिटाई देख अफरातफरी मच गई। आसपास खड़े कई वकील मौके पर पहुंच गए। काफी संख्या में पुलिस वाले भी आ गए। वकीलों और पुलिस के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। वकीलों ने भी मौके पर ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। खुद से बैरिकेडिंग कर चक्काजाम की कोशिश की। मामला गरमाता देख अधिकारियों को जानकारी दी गई। शहर में मुख्यमंत्री और वकीलों-पुलिस के बीच बवाल की सूचना मिलते ही प्रशासनिक हलके में भी खलबली मच गई।

डीसीपी सिटी अभिषेक मौके पर पहुंचे। दारोगा पर एक्शन और मामले की गंभीरता से जांच का आदेश देकर किसी तरह अधिवक्ताओं को शांत कराया। वकीलों की मांग पर तत्काल दारोगा को निलंबित करने का आदेश भी जारी हो गया।

दारोगा अतुल सिंह को निलंबित करने का आदेस देते हुए डीसीपी ने यह भी लिखा कि चौकी इंचार्ज ने पुलिस की छवि धूमिल की है। इन पर आरोप इतने गंभीर हैं कि तत्काल निलंबित करते हुए विभागीय जांच का आदेश दिया गया है। यह भी कहा गया है कि दारोगा निलंबन के दौरान पुलिस लाइंस से अटैच रहेंगे और पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय भी नहीं छोड़ेंगे।

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पुराने स्वरूप में लौटेगी ‘सहारनपुर की गंगा’, ढमोला नदी के भी बदलेंगे दिन, इस लॉन्ग टर्म प्रोजेक्ट पर होगा काम

Uttar Pradesh News: यूपी वेस्ट का प्रवेश द्वारा कहे जाने वाले सहारनपुर के लिए गुड न्यूज है। सहारनपुर के जिलाधिकारी मनीष बंसल के प्रयासों से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा सहारनपुर नगर क्षेत्र में प्रवाहित पांवधोई व ढमोला नदी के जीर्णोद्धार एवं विकास कार्यों के सर्वेक्षण के लिए तीन सदस्यों वाली टीम जिले में आ चुकी है। यह टीम जनपद में सर्वेक्षण कर परियोजना रपट तैयार करेगी। डीएम ने टीम एवं संबंधित अधिकारियों के साथ नदियों के पुनरुद्धार एवं विकास के बाबत मंथन किया और मौका मुआयना किया। 

डीएम ने बताया कि टीम दोनों नदियों का सर्वेक्षण कर रपट तैयार करेगी। ढमोला और पांवधोई नदी सहारनपुर की लाइफलाइन है, जो शहर के बीच से होकर गुजरती है। वर्तमान में इनकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। नालों का गंदा पानी इसमें आता है और लोग इसमें कूड़ा भी डालते हैं। इसे साफ करने के लिए नमामि गंगे के तहत एक प्रोजेक्ट लिया गया है। इसके तहत नालों का पानी टैप करके एसटीपी बनाया जा रहा है। इससे इसके पानी को शुद्ध किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि नदियों में जमी सिल्ट, गार्बेज की सफाई, नदियों के सौंदर्यीकरण और रिवर बैंक बनाने के टीम द्वारा सर्वेक्षण कर डीपीआर बनाई जाएगी। यह एक ‘लांग टर्म प्रोजेक्ट’ है जिससे भविष्य में जनपद को बहुत लाभ होगा।

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डीएम बंसल ने बताया कि टीम जनपद प्रवास के दौरान सर्वेक्षण करने के साथ रपट तैयार करेगी। इसके लिए अपर नगर आयुक्त मृत्युंजय, अधिशासी अभियंता सिंचाई निर्माण खंड राम बाबू, महाप्रबंधक जल-कल नगर पुरूषोत्तम, अधिशासी अभियंता निर्माण नगर निगम आलोक श्रीवास्तव, परियोजना प्रबंधक यूनिट 9, जल निगम के रवि प्रताप सिंह एवं संजीत कटियार आदि अधिकारी नामित किए गए हैं।

जिलाधिकारी मनीष बंसल ने संबंधित सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इन दोनों नदियों व सिटी ड्रेनेज प्लान संबंधी व क्षेत्र के मानचित्र व अन्य समस्त स्पष्ट व त्रुटिरहित सूचनाओं सहित सर्वेक्षण टीम के साथ सर्वे हेतु पूर्ण सहयोग प्रदान करें ताकि नदियों के जीर्णोद्धार हेतु आगे की कार्रवाई की जा सके।

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