Fact Check: पाकिस्तान का पुराना वीडियो नेपाल के विरोध प्रदर्शन का बताकर वायरल, दावा गलत

Old video shared as recent from Nepal protest

लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा एक वीडियो मिला। इस वीडियो को नेपाल का बताया जा रहा था, जिसमें एक व्यक्ति को विरोध प्रदर्शन के दौरान हवा में उड़ते हुए आंसू गैस के गोले को पकड़ते और उसे वापस फेंकते हुए देखा गया था।

जांच के दौरान, हमें पता चला कि यह वीडियो नेपाल के विरोध प्रदर्शनों से संबंधित नहीं था बल्कि यह पाकिस्तान का एक पुराना वीडियो है। वायरल किया जा रहा दावा झूठा है।

एक्स यूजर @Ramrajya ने इस वीडियो को एक भ्रामक दावे के साथ साझा किया।

लड़के ने आँसू गैस के गोले को क्रिकेट बॉल की तरह कैच करके फेंक दिया। ये वीडियो नेपाल में वायरल है। #Nepalprotest pic.twitter.com/s4uiH8WKYu

अन्य यूजर भी इसी दावे के साथ वीडियो साझा कर रहे हैं।

लड़के ने आँसू गैस के गोले को क्रिकेट बॉल की तरह कैच करके फेंक दिया। ये वीडियो नेपाल में वायरल है। #Nepalprotest pic.twitter.com/RSwxdS8IJW

लड़के ने आँसू गैस के गोले को क्रिकेट बॉल की तरह कैच करके फेंक दिया। ये वीडियो नेपाल में वायरल है। #Nepalprotest #LaCasaDeLosFamososMx #Gemini_NT #10septembre2025 pic.twitter.com/l0cYnq6NXP

हमने वीडियो से मिले की फ्रेम्स पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।

हमें यह वीडियो मई 2022 में फेसबुक पर अपलोड हुआ मिला।

हमें यही वीडियो 26 मई 2022 को गल्फ टुडे के फेसबुक पेज पर भी अपलोड हुआ मिला।

इसके कैप्शन में लिखा था: “पाकिस्तानी प्रदर्शनकारी ने आंसू गैस के कनस्तर को पकड़ा, उसे वापस पुलिस की तरफ फेंका।”

हमें यह वीडियो एक वेबसाइट पर भी मिला।

हमें यह वीडियो 2022 में X पर भी अपलोड किया हुआ मिला।

Dont play with fire pic.twitter.com/J74m5GMNAZ

वीडियो के स्क्रीनशॉट propakistani.pk नामक एक वेबसाइट पर भी अपलोड किए गए थे।

इस वेबसाइट में लिखा था: “पीटीआई के एक युवा कार्यकर्ता का जलते हुए आंसू गैस के कनस्तर को पकड़ने और उसे दूर फेंकने का अविश्वसनीय फुटेज विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा में है। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस युवा के साहस से प्रभावित होकर उसके साहसी कार्य की प्रशंसा की।”

निष्कर्ष: आंसू गैस के गोले को पकड़कर फेंकने का वीडियो पाकिस्तान का है। यह दावा कि यह वीडियो नेपाल के हालिया विरोध प्रदर्शनों का है, गलत है।