Maharashtra Politics News: शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में कहा है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच रिश्ते खराब हो गए हैं और तनाव बढ़ गया है। इस वजह से महाराष्ट्र के विकास में बाधा आ रही है। सामना में साप्ताहिक कॉलम में संजय राउत ने कहा कि हर दिन हम ऐसी परिस्थितियां देख रहे हैं, जहां यह बिल्कुल स्पष्ट हो जाता है कि देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच अब कोई वास्तविक संवाद नहीं है।
संजय राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा में बड़ी जीत हासिल करने के बाद महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे का रोल घट गया है। उन्होंने कहा कि शिंदे अक्सर महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठकों से गायब रहते हैं और जब वे आते भी हैं तो काफी देर से आते हैं। 30 जनवरी को वे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग कमेटी की मीटिंग में ढाई घंटे देरी से पहुंचे।
उन्होंने दावा किया कि हाल ही में एक विमान यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात शिंदे सेना के एक विधायक से हुई। विधायक के साथ हुई बातचीत के आधार पर उन्होंने कहा, “शिंदे अपने साथ हुए अपमान से बाहर आने को तैयार नहीं हैं। वे अभी भी सीएम की कुर्सी जाने का गम मना रहे हैं। अपने ढाई साल के कार्यकाल में शिंदे और फडणवीस अलग-अलग दिशाओं में देखते रहे। अब फडणवीस पलटवार कर रहे हैं। शिंदे के हाथ में अब कुछ नहीं बचा है।”
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संजय राउत ने आगे कहा कि अमित शाह ने चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे को सीएम पद देने का वादा किया था लेकिन वह इसी निभा नहीं पाए। उन्होंने कहा, “विधायक ने कहा कि शिंदे से कहा गया था कि विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा और उन्हें फिर से सीएम बनाया जाएगा। अमोत शाह ने शिंदे से कहा था कि वे धनबल का इस्तेमाल करें। एकनाथ शिंदे ने चुनाव में खूब पैसा लगाया, लेकिन अमित शाह ने अपना वादा पूरा नहीं किया। एकनाथ शिंदे अब मानते हैं कि उनके साथ धोखा किया है।”
रविवार सुबह मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने कहा कि चुनावों के बाद शिंदे को कुछ मंत्री पद दिए गए और फिर उन्हें किनारे कर दिया गया। एकनाथ शिंदे के बॉडी लैंग्वेज से पता चलता है कि वह पूरी तरह से हिल चुके हैं। वह अभी भी उस सदमे से उबर नहीं पाए हैं, जब उन्हें सीएम की कुर्सी देने का वादा किया गया था और फिर उसे नकार दिया गया।”
बीजेपी और शिवसेना के बीच कथित विवाद पर बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि बीजेपी के मंत्री गणेश नाइक ने एकनाथ शिंदे के ठाणे जिले में ‘जनता दरबार’ आयोजित करने के प्लान का ऐलान किया है। इसके जवाब में, शिंदे के समर्थकों ने नाइक के पालघर जिले में ‘जनता दरबार’ आयोजित करने की धमकी दी है। यह महायुति के भीतर चल रही अंदरूनी कलह को दर्शाता है।
संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे सेना के कुछ विधायक वापस लौटना चाहते हैं लेकिन केंद्रीय एजेंसियों के एक्शन के डर से वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे अब सुरक्षित नेता नहीं रहे। यहां तक कि बीजेपी भी उनके खिलाफ काम कर रही थी। उनके कुछ विधायक बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं, कुछ हमारी सेना में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन केंद्रीय एजेंसियों के डर से वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।
एक तरफ जहां संजय राउत ने अपने कॉलम में एकनाथ शिंदे के खिलाफ बातें लिखीं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने अजित पवार की जमकर तारीफ की। संजय राउत ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “अजित पवार का फडणवीस के साथ अच्छा तालमेल है। उन्हें अपनी सीमाएं पता हैं। अजित पवार ने बीजेपी से हाथ मिलाकर चालाकी वाली चाल चली…अब अजित पवार आरामदायक और फायदे वाली स्थिति में हैं।”
हालांकि शिंदे सेना और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने संजय राउत के दावों को फर्जी करार दिया है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि सामना का उद्देश्य किसी की आलोचना करना या बुरा-भला कहना है। इसमें कोई नैतिकता नहीं है और इसीलिए हम इस बात की परवाह नहीं करते कि अखबार क्या लिखता है। वहीं बीजेपी के मंत्री नीलेश राणे ने कहा कि हम यह भी जानते हैं कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी वापस पाने के लिए क्या-क्या काला जादू किया था… हम यह भी महाराष्ट्र की जनता को बताएंगे।
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